हैदराबाद 25 दिसंबर: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि महिलाओं को शिक्षा के जरिए ‘उन्हें आर्थिक तौर पर खुद मुख्तार बनाते हुए और उन्हें अवसर प्रदान करते हुए हक़ीक़ी माअनों में बाइख़तियार बनाया जा सकता है राष्ट्रपति ने बंसीलाल मलानी कॉलेज ऑफ नर्सिंग में संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं को शिक्षा से आरास्ता करते हुए बाइख़तियार बनाया जा सकता है।
उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के अवसर प्रदान किए जाने चाहिए। महिलाओं में मौजूद क्षमताओं को प्रदर्शित होने का मौक़ा दिया जाना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि दुख की बात है कि आज जबकि भारत में लिटरेसी की औसत दर 74 प्रतिशत है महिलाओं में लिटरेसी की शरह कम है। ये 65 प्रतिशत से भी कम है।
उन्होंने कहा कि एक ऐसा समाज जो अपनी महिलाओं को बाइख़तियार नहीं बनाता वे घाटे में रहता है और उन्होंने महिला को बाइख़तियार बनाने पर जोर दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि देश में नर्सों की भारी कमी है। ये कमी लगभग 24 लाख नर्सों की है। इसके बावजूद नर्सों की संख्या में कमी भी आई है। जब देश में 2009 में 1.65 मिलियन नर्सें मौजूद थीं तो यह संख्या पिछले साल घटकर 1.56 मिलियन रह गई थी। इससे सूरते हाल तशवीशनाक महसूस होती है।