महफ़ूज़ तर दुनिया सियोल न्यूक्लियर सिम्ट का पयाम

आलमी क़ाइदीन ने दो रोज़ा न्यूक्लियर स्कियोरिटी चोटी कान्फ्रेंस के लिए सियोल में जमा होकर आज क़दरे नरम ब्यान जारी किया लेकिन तमाम के लिए महफ़ूज़ तर दुनिया को यक़ीनी बनाने के लिए सख़्त मेहनत करने की ज़रूरत की मुकर्रर तौसीक़ की । उमूमी अह्द लेकिन ख़ुसूसीयत के साथ मक़ासिद के बारे में मुख़्तसर रुवेदाद पेश करने वाले मुशतर्का पयाम में 58 मंदूबीन ने मुशतर्का अपील का इआदा किया कि चार साला मुद्दत में तमाम मख़दूश न्यूक्लियर माद्दे को महफ़ूज़ बनाया जाए और इस ज़िमन में बैन-उल-अक़वामी तआवुन को सहल बनाने में इंटरनैशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आई ए ई ए) के लाज़िमी रोल की ताईद की ।

मुशतर्का पयाम में कहा गया कि न्यूक्लियर दहश्तगर्दी बदस्तूर बैन-उल-अक़वामी सलामती के लिए सबसे ज़्यादा चैलेंज भरे ख़तरात में से एक है । इस ख़तरा को शिकस्त देने के लिए मज़बूत क़ौमी इक़दामात और बैन-उल-अक़वामी तआवुन की ज़रूरत है । क्योंकि इसके आलमी , सयासी , मआशी , समाजी और नफ़सियाती ऐतबार से संगीन नताइज बरामद होते हैं ।

शुमाली कोरिया और ईरान के न्यूक्लियर हथियारों से मुताल्लिक़ प्रोग्राम जुनूबी कोरीयाइ दर उल-हकूमत मुनाक़िदा इस सिम्ट के एजेंडा पर नहीं थे और ना ही इन दोनों मुल्कों में से किसी को इस फ़ोर्म के लिए मदऊ किया गया ।