लंदन, २६ सितंबर (पी टी आई) फ़्रांस अलफ़ाज़ माँ और बाप के सरकारी दस्तावेज़ात में इस्तेमाल करने पर इमतिना आइद करने ( पाबंदी लगाने ) के लिए तैयार है। इसके ये मुतनाज़ा ( विवादित) मंसूबे ( अभियान) शादी को क़ानूनी हैसियत देने के बारे में ये इक़दाम बाअज़ तबक़ात को ब्रहम कर चुका है।
इसका मतलब ये है कि सिर्फ लफ़्ज़ वालदैन शादी की तक़ारीब ( उत्सव/ मौके) में चाहे वो मुख़ालिफ़ सिनफ़ों की यह हमजिंस परस्त ( एक ही लिंग / People of Same Genders) जोड़ों की हो यकसाँ तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। क़ानून के मुसव्वदा (प्रारुप) में कहा गया है कि शादी दो अफ़राद का मिलाप है चाहे वो मुख़्तलिफ़ सिनफ़ों (Genders ) के हो यह एक ही सिनफ़ के रोज़नामा डेली मेल ने ख़बर देते हुए कहा कि क़ानून के मुसव्वदा के बमूजब (मुताबिक) दीवानी क़ानून में वालदाओं और वालिदों बजाय फ़्रांसीसी क़ानून में लफ़्ज़ वालदैन इस्तेमाल किया जाएगा।
ये क़ानून मुतबन्ना (गोद लिए हुए लड़के जैसे) करने के हुक़ूक़ हमजिंस परस्त जोड़ों और मुख़ालिफ़ सिनफ़ के जोड़ों को यकसाँ तौर पर अता करता है । फ़्रांस के कैथोलिक रोज़नामा लाकिराए किस से मर्कज़ी वज़ीर इंसाफ़ करसच्याना लाबीरा ने कहा कि कौन कहता है कि मुख़्तलिफ़ अस्नाफ़ पर मुश्तमिल ( सम्मिलित) जोड़ा बच्चे की हमजिंस परस्त जोड़े की बनिसबत बेहतर तौर पर परवरिश कर सकता है।
कौन इस बात का तयक्कुन ( यकीन) दे सकता है कि बच्चे को प्रवान चढ़ाने के बेहतरीन मवाक़े कौन फ़राहम करेगा। उन्होंने कहा कि एक बात यक़ीनी है कि बच्चे के मुफ़ाद (फायदे) में हुकूमत के लिए बड़े पैमाना पर नगर इंकारी की ज़िम्मेदारी कुबूल करनी होगी।
फ़्रांसीसी कैथोलिक चर्च के सरबराह कार्डे नल फ्लिप बार बैरन ने अपने समर्थको को गुज़श्ता हफ़्ता इंतिबाह (चेतावनी) दिया था कि हमजिंस परस्तों की शादी के क़ानूनी क़रार दीए जाने की सूरत में मुआशरा ( समाज) के कसीर ज़जगी मुआशरा बन जाने का ख़तरा है।