नई दिल्ली, 24 मई: इस साल के आखिरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा इंतेखाबात की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे कांग्रेस के नायब सदर राहुल गांधी ने पूरी सख्ती के साथ कांग्रेसी लीडरों की क्लास ली। उन्होंने कहा कि ज़ाबिता शिकनी (Indiscipline) किसी भी सतह पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हमें हर हाल में मिलकर सब कामों को अंजाम देना होगा।
अपनी वालिदा सोनिया गांधी के बारे में उन्होंने कहा कि ‘वह बहुत ही नरम मिजाज़ की हैं, लेकिन मैं खुद वैसा नरम नहीं हूं। ज़ाबिता शिकनी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।’
राहुल गांधी दीनदयाल रोड वाकेए रियासती कांग्रेस के दफ्तर में जुमेरात के दिन कांग्रेसियों की बैठक ले रहे थे। इसमें MPs, MLAs व रियासती हुकूमत के वज़ीरों को भी बुलाया गया था। राहुल की नसीहत का फौरन असर यह हुआ कि पिछले साढ़े चार साल से वज़ीर ए आला शीला दीक्षित के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले रियासती कांग्रेस सदर जयप्रकाश अग्रवाल के सुर अचानक बदल गए।
उनका कहना था एक परिवार में अलग-अलग मेमबरों की राय अलग हो सकती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपस में कोई लड़ाई है। कुछ मुद्दों पर वज़ीर ए आला से इख्तेलाफात थे, लेकिन अब ऐसी कोई बात नहीं है।
हुकूमत और तंज़ीम मिलजुल कर काम करेंगे। राहुल ने सभी से ब्लॉक सतह पर जाकर काम करने की नसीहत दी। नवंबर में होने वाले दिल्ली असेम्बली के इंतेखाबात के मद्देनजर उनकी इस अहम इजलास में तमाम लीडरों ने अपनी-अपनी बात रखी।