ईद क़ुर्बानी हर साल आती है और अपने मनाने वालों को पैग़ाम देती है के दीन और दुनिया में खुश और कामयाब होने के लिए अल्लाह ताला के हुक्म पर रज़ाएली के लिए अपनी हर प्यारी महबूब चीज़ों को क़ुर्बान करो ।
बच्चों को ईदे क़ुर्बान हिदायत देती है के तुम अगर अपनी हर पहलू में तरक़्क़ी और लम्बी उम्र , ज़्यादा रिज़्क , दुन्यावी और आख़िरत की ख़ुशीयां देखना चाहते हैं तो माँ बाप के फ़रमांबर्दार बन जाव ।
बाप की फ़रमांबर्दारी अल्लाह की फ़रमांबर्दारी है बाप की नाफ़रमानी अल्लाह की नाफ़रमानी है । बाप जन्नत के दरवाज़ों में बीच का दरवाज़ा है ।
उन की फ़रमांबर्दारी में अ़ज़्मतें बरकतें रहमतें मुक़द्दर करदी जाएगी । ईद क़ुर्बान पैग़ाम देती हैं । अपने बच्चों को तालीम और तरबियत का पूरी दर्द मंदी से इंयेज़ाम करो ।
इस तरबियत के फ़ौरी नहीं तो देर बाद समर(फल) आवर नताजे नज़र आएंगे । इन ख़्यालात का इज़हार सियोल सर्जन डाक्टर मुहम्मद सिराज उल रहमान नक़्शबंदी ने ईदगाह सनत नगर में अज़ीम इजतेमा को मुख़ातिब करते हुए किया ।
सदर ईदगाह सय्यद सिराज उद्दीन ने इंतेज़ामात किये । पुलिस का माक़ूल बंद ओ बस्त था