मांझी को सीएम बनाना बड़ी भूल, लालू का साथ वक़्त की मांग : नीतीश

पटना : वजीरे आला नीतीश कुमार ने कहा कि जीतनराम मांझी को वजीरे आला बनाना उनके सियासी ज़िंदगी की सबसे बड़ी भूल थी। इसके लिए उन्होंने अवाम के दरमियान कई बार माफी भी मांगी है। सीएम दिल्ली में एक न्यूज चैनल के प्रोग्राम में सवालों का जवाब दे रहे थे।

उन्होंने दावा किया कि भाजपा के पास अब लोकसभा इंतिख़ाब जैसा हिमायत नहीं है और बिहार में उनकी गाड़ी रोकी जाएगी। उन्होंने कहा कि वे मास पार्टी हैं और इंतिख़ाबी बाजी जरूर जीतेंगे। नीतीश ने भाजपा और लालू प्रसाद के साथ अपने रिश्तों को लेकर खुलकर चर्चा की। बोले- लालू प्रसाद के साथ खड़ा होना वक़्त की मांग है। यह उनकी मजबूरी नहीं। यह उनका ज़ाती सवाल नहीं। पूरे मुल्क की नजर लगी है। 15 सालों में हालात काफी बदल चुकी हैं। लालू-राबड़ी के इक्तिदार के बाद बिहार में बड़ा बदलाव आ चुका है।

आज जो सियासी हालत है उससे मुल्क के सामने जबरदस्त बोहरान है। इस वक़्त इस सवालों का कोई कीमत नहीं कि आप किसके बारे में क्या कहते थे, 31 फीसदी वोट पर ये मैसिव मैन्डेट दिल्ली में बैठ गए। वो जो करें, कोई उनके ओपोजीशन में खड़ा ही न हो। बिहार के इंतिख़ाब में तय होगा कि जम्हूरियत जीतेगा या हारेगा? बीजेपी से अलग जितने वोट हैं, इनका बिखराव रोकना है। ताकि, लोगों को लगे कि यह ऑप्शन है। यह ऑप्शन बिहार से शुरू होकर मुल्क भर का ट्रेंड बनेगा।

राजद के साथ इत्तिहाद पर सवाल उठाने वालों को बताना चाहिए कि आठ माह में ऐसा कौन सा काम हो गया? तरक़्क़ी का कौन सा काम रुक गया? क्या तबदीली आ गया? सारी चीजें अपने ढंग से चल रही हैं। कोई परेशानी नहीं। फिर भी लोग सियासत कर रहे हैं। ये तोड़ने वाली ताकतें हैं। उन्हें पता है कि बिहार में कोई बड़ा फिरकावराना दंगा नहीं करवा सकते, क्योंकि हम अलर्ट हैं। सामाजिक और इंतेजामिया दो सतहों पर अलर्ट हैं।