मांझी ने इंतिख़ाब से पहले इत्तिहाद से किया इनकार

साबिक़ वजीरे आला जीतन राम मांझी ने इंतिख़ाब से पहले इत्तिहाद से इनकार किया। इतवार को उन्होंने कहा कि इंतिख़ाब से पहले किसी के साथ जाने का सवाल ही नहीं है। अगर हुकूमत बनाने लायक सीटें मिली तो अलबत्ता भाजपा से मदद लेंगे। उन्होंने कहा कि 125 सीट पर इंतिख़ाब लड़ना तो तय है लेकिन कारकुनान की खुसी देखकर मुमकिन है हम 243 सीट पर उम्मीदवार उतारे। दावा किया कि 20 अप्रैल को गांधी मैदान में “स्वाभिमान सम्मेलन” में 5 लाख लोग शामिल होंगे।

मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार ने शो में ज्यादा जेहन दिया जिससे वे इंटेरनेशनल सख्शियत बन सकें। यह तो वही हुआ होठों पर लाली है, पेट खाली है। पटना में क्या-क्या नहीं बनवाया जबकि गरीबों की झोपड़ी खाली है। कन्वेंशन हॉल, असेम्बली इमारत , एमएलए रिहाइशगाह की अभी जरूरत नहीं थी। 20 साल बाद होती। बिहार म्यूजियम में 500-700 करोड़ लगाने का क्या मतलब है। पटना म्यूजियम को डेवलोप करते। उन्होंने इल्ज़ाम लगाया कि तामीर कामों में दलाली, कमीशनखोरी बढ़ गई है। सियासी साथी, अफसर और ठेकेदार मिलकर आधा पैसा हजम कर रहे हैं।

मांझी ने खुलासा किया कि वे उग्रवाद के रियासत नहीं रहे हैं। उनके घर भी उग्रवादियों की चौकसी बनी थी। वे उनसे पूछते कि क्यों नहीं आपलोग मेन स्ट्रीम में शामिल होते तो जवाब मिलता हमारे पास कोई ऑप्शन नहीं है क्योंकि बेरोजगारी है। बाद में बात समझ में आई तो ठेकेदारी में गरीबों के लिए रिज़र्वेशन किया ताकि 40 हजार करोड़ में से 1000 करोड़ भी कम से कम गरीबों के घर जाए।

जीतन राम मांझी ने साफ किया कि वह मेम्बर के काम और हक़ को लेकर कानूनी मुशीर से सलाह ले रहे हैं। कहा कि नीतीश कुमार भी अकसरियत में नहीं हैं। राजद क्या करेगा पता नहीं। समझ के परे है कि लालू क्यों नीतीश कुमार को हिमायत दे रहे हैं। यह भी कहा कि सियासत में किसी के लिए कोई दरवाजे बंद नहीं होता।