पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सदर बिलावल भुट्टो जरदारी कल अपनी वालिदा और साबिका वज़ीर ए आज़म बेनजीर भुट्टो की बरसी पर पाकिस्तान वापस नहीं लौटे हैं और इसे देखते हुए वालिद आसिफ अली जरदारी के साथ उनके इख्तेलाफात की अटकलें लगायी जा रही हैं.
पूरे पाकिस्तान में बेनजीर की बरसी मनायी गयी | यहां तक कि पीपीपी के नायब सदर जरदारी नाराज चल रहे बेटे बिलावल को मनाने और मां की बरसी के लिए वापस पाकिस्तान लाने की खतिर लंदन गए थे लेकिन उन्हें कोई कामयाबी नहीं मिली है और वह खाली हाथ लौट आए हैं. बेनजीर की बरसी गढ़ी खुदा बख्श में मनायी जानी थी.
बरसी पर नहीं आने के ताल्लुक में बिलावल से कोई इत्तेला नहीं मिली है. 2007 में बेनजीर भुट्टों के कत्ल के बाद पहली बार उनके बेटे अपनी मां की बरसी पर मुल्क पाकिस्तान से बाहर हैं.
इस ताल्लुक में पीपीपी ने ‘‘सेक्युरिटी वजुहात ’’ का हवाला दिया है लेकिन बिलावल की गैर हाज़िरी ने पार्टी मामलों को लेकर वालिद जरदारी के साथ उनके गहरे इख्तेलाफात की अटकलों को हवा दी है.
पीपीपी के एक लीडर ने बताया, ‘‘पार्टी मामलों को लेकर आसिफ जरदारी और बिलावल भुट्टो में इख्तेलाफात पैदा हो गए हैं. बिलावल ने जरदारी से सलाह लिए बगैर जहांगिर बदर और बशीर रियाज को अपना सियासी सलाहकार तथा प्रेस सेक्रेटरी मुकर्रर किया है.’’ लीडर ने बताया, हालांकि जरदारी ने उनके इंतेखाब का एहतिजाज नहीं किया लेकिन अपने बेटे से कहा कि उनके पूरी तरह से तैयार होने के बाद उन्हें पार्टी को अपनी तरह से चलाने की पूरी आजादी होगी.