मां-बाप को ही डायन बता घर से निकाला

बिशुनपुर के जोरी के रहने वाले बलिंद्र उरांव और सुरेंद्र उरांव ने डायन बता कर अपने वालिदैन को घर से निकाल दिया। उनकी सारी जायदाद भी जब्त कर ली। अपने बेटों की इस करतूत से परेशान वालिदैन गुजिशता डेढ़ माह से खुले आसमान के नीचे रह कर इंसाफ के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
गांव से बाहर कर दिये जाने की वजह वालिदैन के सामने खाने के भी लाले पड़ गये हैं। मां बिरसी देवी टीबी की बीमारी से मुतासीर है। वालिदैन ने घाघरा पंचायत की मुखिया से मामले के निपटारे की गुहार लगायी थी। पर, गाँव वालों ने मुखिया की पहल को भी बेकार साबित कर दिया।

गाँव वालों ने भी नहीं की मदद

जानकारी के मुताबिक, बोलवा उरांव और उसकी बीवी बिरसी देवी के दो बेटे हैं- बलिंद्र उरांव व सुरेंद्र उरांव। दो माह पहले बलिंद्र के पांच साला बेटे की बीमारी की वजह से मौत हो गयी। इसके लिए अपने वालिदैन को ही जिम्मेवार ठहराया। डायन होने का इल्ज़ाम लगा कर डेढ़ माह पहले उन्हें घर से निकाल दिया।
उनकी जायदाद भी हड़प ली। दूसरी तरफ बूढ़े माँ-बाप को घर से निकाले जाने के बाद अपने ऊपर लगे डायन-बिसाही के इल्ज़ाम को बेबुनियाद साबित करने के लिए गाँव वालों से हिमायत की गुहार लगाते रहे। लेकिन गाँव वालों ने भी उनकी एक नहीं सुनी। गाँव वालों ने कहा कि बोलवा और उसकी बीवी डायन हैं। दोनों के गांव में रहने से दीगर खानदान को भी जान-माल की नुकसान हो सकती है।