तेलंगाना इलाके की कबायली लड़की पूर्णा दुनिया की सब से बलंद तरीन पहाड़ी चोटी एवेरेस्ट सेर करनेवाली सब से कम उमर लड़की बन गई 13 साला और 11 माह उम्र की कबायली लड़की पूर्णा ने एवेरेस्ट की चोटी को मुसख़्ख़र करलिया।
वो आंध्र प्रदेश के निज़ामबाद के एक खेत मज़दूर की बेटी है और सरकारी सोश्यल वेलफेयर हॉस्टल में नौवीं जमात की तालिबा है इस के साथ इस जमात का एक तालिब-ए-इलम आनंद भी है जो इस रियासत के खम्मम में एक साइकिल मैकेनिक का बेटा है जो समझा जाता हैके हिमालया की बुलंद चोटी सेर करने वाला पहला दलित है।
इन दोनों ने एक एसे वक़्त अपने नामुमकिन नज़र आने वाले ख़ाबों को हक़ीक़त में बदलने की तैयारी की जबकि उनके ख़ानदान दो वक़्त की रोटी के लिए जद्द-ओ-जहद में मसरूफ़ हैं।
इन हालात की परवाह किए बगै़र हमालयाई अज़मों ,इरादों के साथ इन दोनों ने बिलआख़िर अपने ख़ाब को हक़ीक़त में तबदील कर दिखाया जिस से मुल्क में लाखों बच्चों और नौजवानों को एक नई उमंग मिल गई।
पूर्णा और आनंद पिछ्ले साल नवंबर में एसे एक दर्जन नौ उम्र लड़के लड़कीयों में शामिल थे जिन्हों ने कोह रीनाक को सर किया था जबकि इब्तिदा में उन्हें बहुत ही कमउमरी के सबब तर्बीयत देने से इनकार किया गया था।