रांची। 1 एप्रैल(पी टी आई)। माउइस्टो की जानिब से झारखंड और बिहार में 6 एप्रैल से उन के 10 कारकुनों की हलाकत के ख़िलाफ़ बतौर-ए-एहतजाज 48 घंटे के बंद के ऐलान के बाद पुलिस ने आज कहा कि वो इस मुद्दत के दौरान मामूलात-ए-ज़िंदगी की बहाली को यक़ीनी बनाने के लिए तमाम ज़रूरी इक़दामात करेगी।
एडीशनल डाइरेक्टर जनरल पुइल्स बीबी प्रधान ने कहा कि एहतेयाती इक़दामात किए गए हैं ताकि इन दोनों के दौरान मामूलात-ए-ज़िंदगी में ख़ललअंदाज़ी पैदा ना होने को यक़ीनी बनाया जाये। सी पी आई (माएसटस) के एक रुकन जिस ने बिहार। झारखंड। शुमाली छत्तीसगढ़ के ख़ुसूसी रुकन होने का दावा किया है, ज़राए इबलाग़ को कल टेलीफोन पर इत्तिला दी थी कि उन्होंने बिहार और झारखंड में 6 एप्रैल से 48 घंटे का बंद मनाने की अपील की है।
ज़राए इबलाग़ की इतेतिला के बमूजब बंद एहितजाजी हफ़्ते का एक हिस्सा होगा जो एक एप्रैल से 10 माउइस्ट की हलाकत के ख़िलाफ़ बतौर-ए-एहतजाज मनाया जाएगा। ये कारकुन तृतीय पिरिस्तोती कमेटी के इंतेहापसंद थे। उन्हें 27 और 28 मार्च की दरमियानी रात ज़िला छात्रा से गिरफ़्तार किया गया था।
छात्रा के डिप्टी कमिशनर मनोज कुमार ने पी टी आई से टेलीफोन पर कहा कि उन्हें इसी कोई सुराग़ रसानी इत्तिला इस बारे में नहीं मिली है, लेकिन वो मामूलात-ए-ज़िंदगी की बरक़रारी के लिए तमाम इक़दामात करेंगे और अख़बारी इत्तिलाआत को पेश नज़र रखेंगे। कमेटी ने सी पी आई (माएसटस) से नज़रयाती बुनियादों पर 2002 में ही तर्क-ए-ताल्लुक़ करलिया था, 10 माउइस्ट को गोली मारकर हलाक करदिया था और दावा किया था कि ज़िला छात्रा के देहात लक्रा मुंडा के करीब जंगलों में आग बुझाने के दौरान उतनी ही तादाद में लोगों को यरग़माल बनालिया गया है।
ताहम पुलिस ने कहा कि उसे किसी शख़्स को यरग़माल बनाने की कोई इत्तिला नहीं मिली है। माउइस्टों का बंद की अपील करने का रिकॉर्ड मौजूद है। जब भी उनके कारकुनों को गिरफ़्तार किया जाता है यह हलाक किया जाता है यह स्कूलस की इमारतों को तबाह किया जाता है यह रेलवे पटरियों को नुक़्सान पहुंचाया जाता है, पंचायत के दफ़ातिर को नज़र-ए-आतिश किया जाता है यह बंद के दौरान-ए-सफ़र करनेवाली मुसाफ़िर बसों और ट्रकों को निशाना बनाया जाता है।