माओवादियों के कब्जे में 50 एकड़ जमीन

माओवादियों ने चतरा के कान्हाचट्टी ब्लॉक के आधा दर्जन गांवों में तकरीबन 50 एकड़ जमीन गुजिशता चार सालों से जब्त कर रखी है। इन जमीनों पर खेती करने पर रोक लगा दी है। इससे जमीन बेकार पड़ी है। इनके मालिक माओवादियों के डर से इन जमीनों पर खेती नहीं कर रहे हैं। सिकिद गांव में कुछ गरीब खानदान जब्त जमीन के कुछ हिस्से पर जैसे-तैसे फसल उगा रहे हैं। पर ज़्यादातर जमीन परती पड़ी हुई है।

जमीन खरीद-फरोख्त पर रोक

माओवादियों ने जब्त जमीन की खरीद फरोख्त पर भी रोक लगा रखी है। ज़मीन के मालिकों ने कई बार जमीन बेचने की कोशिश की। पर वह कामयाब नहीं हो पाये। खरीदारों को इत्तिला मिलते ही वह जमीन लेने से इनकार कर देते हैं।

पुलिस को भी इत्तिला नहीं

माओवादियों का इल्ज़ाम है कि जमींदारों ने गलत तरीके से ये जमीन गरीबों से हड़पी है। डर से जमीन मालिकों ने भी इसकी इत्तिला पुलिस को नहीं दी है। इस वजह पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही। माओवादियों ने जिले के कुंदा, लावालौंग, प्रतापपुर, सिमरिया, पत्थलगड्डा और टंडवा ब्लॉक में भी सैकड़ों एकड़ जमीन जब्त की है और उस पर खेती करने पर पाबंदी लगा दिया है।

माओवादियों का गढ़ है कान्हाचट्टी

चतरा के कान्हाचट्टी इलाके को माओवादियों का गढ़ माना जाता है। बिहार से सटे होने की वजह से इस इलाके में माओवादियों की सर्गर्मियाँ हमेशा बनी रहती है।