माओवादियों से मिलीभगत के इल्ज़ाम में महाराष्ट्र पुलिस ने दिल्ली युनिवर्सिटी (डीयू) के एसोसिएट प्रोफेसर जीएन साईबाबा को जुमे के रोज़ दिल्ली से गिरफ्तार किया। पिछले 6 महीनों में उनसे चार से ज़्यादा बार पूछताछ की जा चुकी है। उनकी गिरफ्तारी के एहतिजाज में मशहूर मुसन्निफा अरुंधती रॉय समेत डीयू के कई प्रोफेसस आज हफ्ते के रोज़ महाराष्ट्र सदन के बाहर मुज़ाहिरा करेंगे।
डीआइजी रविंद्र कदम ने बताया, दिल्ली की कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड लेने के बाद एसोसिएट प्रोफेसर को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली ले जाया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि साईबाबा को महदूद गुट भाकपा-माओवादी का मेम्बर होने, उन लोगों को साजो-सामान से मदद देने व दाखिले में मदद करने के इल्ज़ाम में गिरफ्तार किया गया है। साईबाबा रामलाल आनंद कॉलेज में अंग्रेजी के प्रोफेसर हैं। पुलिस उनका कंप्यूटर पहले ही जब्त कर चुकी है।
साईबाबा का नाम पहली बार तब सामने आया, जब जेएनयू स्टूडेंट हेमंत मिश्रा को गिरफ्तार किया गया था। उसने जांच एजेंसियों को बताया कि वह छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ के जंगलों में छिपे माओवादियों और साईबाबा के बीच ‘कूरियर’ का काम करता है। पुलिस का दावा है कि मिश्रा के इलावा दिगर तीन गिरफ्तार माओवादी कोबाड गांधी, बच्चा प्रसाद सिंह और प्रशांत राही ने भी दिल्ली में राबिता के तौर पर में साईबाबा का नाम लिया था।
साईबाबा की गिरफ्तारी के एहतिजाज में अरुंधती राय ने कहा कि जब प्रोफसर पूछताछ में पुलिस की मदद कर रहे थे तो उनको घसीटकर गाड़ी में बैठाना यह जानते हुए भी वह 90 फीसद माज़ूर हैं, पूरी तरह इंसानी हुकूक की खिलाफवर्जी है।