मादरी ज़बान से माँ की तरह सुलूक रवा रखने पर ज़ोर

हैदराबाद । 8 जनवरी (सियासत न्यूज़) तालिब-ए-इल्म अगर तालीम मादरी ज़बान में हासिल करें तो ये पुख़्ता होती है। उर्दू आज हिंदूस्तान पाकिस्तान के इलावा दुनिया के कई ममालिक और हर बड़े शहर में बोली और समझी जाती है। उर्दू मीडियम के स्कूलस रफ़्ता रफ़्ता बंद होते जा रहे हैं और हुकूमत ही बंद कररही है। इन ख़्यालात का इज़हार जनाब ज़ाहिद अली ख़ान ऐडीटर सियासत ने यहां महबूब हुसैन जिगर हाल में ऐस एस सी उर्दू मीडियम कोइसचन बंक की रस्म इजराई के जलसा को मुख़ातब करते हुए किया और कहा कि ऐस एससी के कोइसचन बंक की तैय्यारी से ना सिर्फ कामयाबी में मदद मिल रही है बल्कि इस से तलबा इमतियाज़ी कामयाबी हासिल कररहे हैं।

उर्दू मीडियम के एक मदरसा सफ़दरया हाई स्कूल की तालीमी ख़िदमात की सताइश करते हुए कहा कि उर्दू मीडियम की तालिबात ने मैडीसन, इंजीनीयरिंग में दाख़िले हासिल किए। इस मौक़ा पर दर शहवार स्कूल मिनहाज अलशरक़ीह के इंतिज़ामीया की भी सताइश की, जहां की उर्दू मीडियम की तालिबात मैडीसन के सरकारी कॉलिजस में दाख़िले पाते हैं। उन्हों ने मादरी ज़बान की एहमीयत को उजागर करते हुए कहा कि इस के साथ ऐसा सुलूक करें, जैसा माँ के साथ करते हैं। इदारा सियासत के तहत उर्दू के इलावा अंग्रेज़ी बोल चाल की क्लासस और पुलिस ट्रेनिंग के लिए तलगो ज़बान की क्लास का भी एहतिमाम किया जा रहा है। उन्हों ने मज़ीद कहा कि अंग्रेज़ी बैन-उल-अक़वामी ज़बान है, इस की हैसियत मुस्लिमा है।

हम को ज़्यादा से ज़्यादा ज़बानें सीखने चाहीए। तालिब-ए-इल्म जितनी ज़्यादा ज़बानें सीखेगा वो इतना ज़्यादा दौलतमंद होगा। इस मौक़ा पर ज़ाहिद अली ख़ान के हाथों कुतुब के तैय्यार करने वाले माहिर असातिज़ा को असना दात दिए गए। इबतदा-ए-में जनाब अहमद बशीर-उद-दीन फ़ारूक़ी मौज़फ़ डिप्टी एजूकेशनल ऑफीसर ने ख़ौरमक़दम करते हुए तफ़सीलात पेश कीं। इस तक़रीब के मेहमान ख़ुसूसी जनाब तारिक़ कादरी साबिक़ रुकन अक़ल्लीयती कमीशन नेतक़रीर करते हुए कहा कि इस्लाम में तालीम को नुमायां एहमीयत दी गई। उर्दू मीडियम केऐस एससी कोइसचन बंक की इशाअत के सिलसिला को ख़ुश आइंद अलामत बताते हुए कहा कि इस से नताइज में काफ़ी बेहतरी होती है।

प्रोग्राम का आग़ाज़ मुहम्मद नईमजामिआ निज़ामीया की क़ेराअत से हुआ। उर्दू स्कूलस, सफ़दर ये हाई स्कूल दर शहवार मिनहाज अलशरक़ीह स्कूल, ए आर ऐम स्कूल के तालिबात ने नाअत और तराना पेश किए। निज़ामत के फ़राइज़ एम ए हमीद कैरीयर कौंसिलर ने अंजाम दी। इस मौक़ा परमुख़्तलिफ़ स्कूलस के ज़िम्मा दारान मुहम्मद मसऊद अहमद ख़ान दर शहवार स्कूल, शेख़ कलीम-उल-लाह ए आर एम स्कूल, मुख़्तलिफ़ स्कूलस के सदूर मुदर्रिसीन के इलावा उर्दू असातिज़ा, तलबा-ए-ओ- तालिबात की कसीर तादाद ने शिरकत की। इस मौक़ा पर एकज़ईफ़ शख़्स ने ऐस एससी इमतिहान में शिरकत केलिए ये किताब हासिल की। आख़िर में मुनीर अहमद ने शुक्रिया अदा किया।