मादरी ज़बान हर क़ौम की सिर्फ ज़बान नहीं बल्कि एक तहज़ीब , तहफ़्फ़ुज़ एक फ़रीज़ा

न्यूज़ीलैंड हिन्दी उर्दू क़ौमी एसोसी उष्ण का क़ियाम, रुकन पार्लीमैंट कंवल जीत बख़शी के हाथों इफ़्तिताह ( सय्यद मुजीब की रिपोर्ट ) न्यूज़ीलैंड के हर बड़े शहर में बिखरी हुई उर्दू अंजुमनों और हिन्दी संघटनों के इत्तिहाद के ज़रीया एक मुशतर्का क़ौमी प्लेटफार्म फ़राहम करने के मक़सद से नुमाइंदा-ए-सियासत सय्यद मुजीब की क़ियामगाह-ए-पर उर्दू हिन्दी क़ौमी एसोसीएशन का क़ियाम अमल में आया।

हिंदूस्तानी नज़ाद रुकन पार्लीमैंट कंवल जीत बख़शी ने रस्म इफ़्तिताह अंजाम दी ।

जलसा की सदारत सदर एसोसीएशन नामवर माहिर-ए-तालीम नफ़ीस अख़तर ने की और निज़ामत के फ़राइज़ नुमाइंदा-ए-सियासत , जनरल सैक्रेटरी उर्दू ‍‍ हिन्दी क़ौमी एसोसीएशन सय्यद मुजीब ने अंजाम दिए ।

ख़ुत्बा-ए-इफ़्तिताहीया में सदर एसोसीएशन नफ़ीस अख़तर ने क़ौमी एसोसीएशन के क़ियाम के अग़राज़-ओ-मक़ासिद पर रोशनी डाली ।

उन्हों ने कहाकि हर एक की मादरी ज़बान उस की तहज़ीब-ओ-तमद्दुन से मरबूत होती है । ये एक गिरांबहा तहज़ीबी विरसा होती है जिस की हर तरह हिफ़ाज़त हर शख़्स का फ़र्ज़ होता है । ये तहफ़्फ़ुज़ ख़ुद इस के अपने मुफ़ाद में होता है क्योंकि वो इसतरह दरहक़ीक़त ख़ुद अपने तमद्दुनी-ओ-तहज़ीबी तशख़्ख़ुस की हिफ़ाज़त करता है । उन्हों ने हिन्दी और उर्दू को एक हुसैन दुल्हन की दो ख़ूबसूरत आँखें क़रार देते हुए कहा कि इन दोनों में कोई दुश्मनी या इनाद नहीं है ।

ये दोनों ज़बानें दरहक़ीक़त जुड़वां बहनों की मानिंद हैं। उन्हों ने फ़बरोरी 2012 -ए-में बैन-उल-अक़वामी मुशायरा के इनइक़ाद और आलमगीर सतह से नामवर शारा-ए-को मदऊ करके इस मुशायरा को शारा-ए-की एक रंगारंग कहकशां में तबदील करदेने , पुरकशिश सुरीली आवाज़ के मालिक गुलूकारों और साज़िंदों पर मबनी ग़ज़लियात नाइट और क़ौमी सम्मेलन के इनइक़ाद दो लिसानी सालाना सावीनर की इशाअत के अहम ऐलान किए ।

रुकन पार्लीमैंट कंवल जीत बख़शी ने अपनी तक़रीर में उर्दू और हिन्दी बोलने वाले न्यूज़ीलैंड के शहरीयों को मुबारकबाद पेश करते हुए कहा कि इस दयार-ए-ग़ैर न्यूज़ीलैंड में उर्दू और हिन्दी की शम्माएं इन ही के दमक़दम से फुरोज़ां हैं।

इन्ही का हौसला है कि उन्हों ने अंग्रेज़ी बाद-ए-मुख़ालिफ़ की ज़द पर भी इन शम्मों को जलाए रखा है ।

उन्होंने न्यूज़ीलैंड में मुक़ीम हिंदूस्तानियों और पाकिस्तानीयों की नई नसलों को मश्वरा दिया कि वो अपने घरों के बाहर मुल्की ज़रूरीयात के पेशे नज़र बेशक अंग्रेज़ी बोलीं लेकिन अपने घरों में सिर्फ अपनी मादरी ज़बान उर्दू या हिन्दी इस्तिमाल करें ताकि उन का अपने तहज़ीबी विरसा से रब्त मुस्तहकम और बरक़रार रही।

बख़शी साहिब ने न्यूज़ीलैंड में उर्दू और हिन्दी के फ़रोग़ के लिए हरमुमकिन सरकारी माली इमदाद फ़राहम करने का तीक़न दिया। साबिक़ वज़ीर-ए-सेहत और मौजूदा रुकन पार्लीमैंट डायाबीट हैंस ने जलसा-ए-गाह में अचानक पहुंच कर जलसा के शुरका को हैरतज़दा करदिया । उन्हें मेहमान ख़ुसूसी का रुतबा दिया गया ।

डायाबीट हैंस ने न्यूज़ीलैंड के उर्दू दां और हिंदीदाँ अफ़राद को दिल्ली मुबारकबाद पेश करते हुए इन दोनों ज़बानो नके सूती और माअनवी हुस्न की दिल खोल कर सताइश की और कहा कि इन ज़बानों की मुहब्बत ही उन्हें जलसा-ए-गाह में खींच लाई है।

उन्हों ने एक चौंका देने वाला इन्किशाफ़ करते हुए कहा कि वो उर्दू अच्छी तरह समझते हैं और टूटी फूटी ही सही उर्दू बोल भी लेते हैं।

जनरल सैक्रेटरी एसोसीएशन सय्यद मुजीब ने जो रोज़नामा सियासत के नुमाइंदा ख़ुसूसी बराए न्यूज़ीलैंड ने अपनी तक़रीर में कहा कि उर्दू और हिन्दी एक ही दरख़्त के दो ख़ूबसूरत फूल हैं जिन का रस्म उलख़त बेशक मुख़्तलिफ़ है लेकिन सलीस उर्दू और आसान हिन्दी में लब-ओ-लहजा और सूती एतबार से कोई फ़र्क़ नहीं।

उन्हों ने मादरी ज़बानों के तहफ़्फ़ुज़ की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि ये उन ज़बानों का नहीं बल्कि एक तहज़ीब और तमद्दुन का तहफ़्फ़ुज़ होगा ।दयार-ए-ग़ैर में हिंदीदाँ और उर्दू दां अफ़राद के तशख़्ख़ुस का तहफ़्फ़ुज़ होगा।

उन्हों ने ख़बरदार किया कि इस फ़रीज़ा से ग़फ़लत और कोताही के नतीजा में इन ज़बानो निका भी वैसा ही हश्र होगा जैसा कि हिंदूस्तान में फ़ारसी का हुआ हालाँकि उसे सरकारी सरपरस्ती हासिल थी।

उन्हों ने कहा कि ज़बानें अपने बोलने वाले अवाम के बलबूते पर ज़िंदा रहती हैं सरकारी सरपरस्ती के सहारे नहीं। उर्दू हिन्दी क़ौमी एसोसीएशन की रस्म इफ़्तिताह के मौक़ा पर वज़ीर-ए-आज़म न्यूज़ीलैंड , गवर्नर जनरल न्यूज़ीलैंड , मेयर ऑकलैंड की नेक ख़ाहिशात पर मबनी पैग़ामात भी पढ़ कर सुनाए गए जिन्हों ने तमाम उर्दू और हिन्दी ऎसॊसियॆसन् को मुत्तहिद करके एक मुशतर्का क़ौमी प्लेटफार्म पर जमा करने की जदजहद के लिए सदर एसोसीएशन नफ़ीस अख़तर , जनरल सैक्रेटरी सय्यद मुजीब , तमाम उर्दू और हिन्दी ऎसॊसियॆसन् के ज़िम्मेदारों को मुबारकबाद पेश करते हुए अपनी अदम शिरकत पर माज़रत ख़्वाही की थी और क़ौमी एसोसीएशन के एक रोशन मुस्तक़बिल की तमन्ना की थी ।

जलसा में न्यूज़ीलैंड की तमाम मुअज़्ज़िज़ शख़्सियतों और ज़राए इबलाग़ के नुमाइंदों ने शिरकत की जिन में राजेश महाराज रेडीयो एफ़ ऐम , नासिर ख़ान रेडीयो अपना , रूपा सचदेव रेडीयो तराना , अमरीका और पाकिस्तान की दो मुअज़्ज़िज़ शख़्सियतयों और जनाब मुजतबा हुस्न काबिल-ए-ज़िकर हैं। जनाब सय्यद मुजीब नुमाइंदा-ए-ख़ुसूसी सियासत-ओ-जनरल सैक्रेटरी एसोसीएशन के शुक्रिया पर महफ़िल इख़तताम पज़ीर हुई ।