बर्दवान ब्लास्ट मामले में एनआइए की टीम ने इतवार की सुबह चार बजे पाकुड़ के गुमानी वाकेय जामिया समसुल होदा असलफिया मदरसा दिलालपुर में छापामारी की। टीम ने मदरसा के क्लास छह के 22 साला तालिबे इल्म अब्दुल माबूद, वालिद जियाउल हक के बारे में मौलवी से पूछताछ की। मिली जानकारी के मुताबिक, माबूद 27 सितंबर से ही मदरसा से गायब है। उसने 10 अगस्त 2014 को मदरसा में दाखिला कराया था।
बकरीद के बाद नहीं पहुंचा मदरसा
अब्दुल माबूद ने दाखिले के बाद कुछ दिन तक मदरसा में रह कर पढ़ाई की। वह बकरीद में कहीं गया, इसके बाद से वापस मदरसा नहीं लौटा। मौलवी अबुल आलिम मदनी ने बताया कि एनआइए की टीम को जांच में पूरी तरह मदद किया जा रहा है। मुल्क के मुजरिमों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। बरहरवा व कोटालपोखर थाना इलाकों में भी एनआइए की टीम गयी। मिली जानकारी के मुताबिक साहिबगंज, पाकुड़ व मुर्शिदाबाद के दर्जनों मुश्तबा एनआइए की फेहरिस्त में शामिल हैं।
बिना कागजात होता है दाखिला
पाकुड़ व साहिबगंज जिले के मुखतलिफ़ इलाकों में चल रहे मदरसे में दाखिले बिना सर्टिफिकेट व छानबीन किये ही लिया जाता है। इसका खुलासा एनआइए टीम की छापेमारी के बाद हुआ है। नॉमिनेशन के वक्त न तो तालिबे इल्म का फोटो और न ही उसकी पूरी शिनाखत के बारे में जानकारी ली जाती है। एक फॉर्म में ही तालिबे इल्म की तरफ से जानकारी भरवा ली जाती है और उसकी जांच-पड़ताल नहीं की जाती।
माबूद के घर पहुंची टीम
एनआइए की टीम ने सनीचर की रात में राधानगर थाना इलाक़े के जुनूबी पलाशगाछी पंचायत वाकेय पातू टोला गांव के मो माबूद शेख वालिद जियाउल हक की तलाश में छापेमारी की। वह घर पर नहीं था। माबूद के वालिद जियाउल हक दिल्ली में मजदूरी का काम करता है। घर में उसकी वालिदा रहती है। माबूद के चाचा नूर इसलाम ने बताया कि माबूद पहले कलियाचक वाकेय एक मदरसे में पढ़ाई करता था। उसने इसी साल दिलालपुर मदरसा में पढ़ाई के लिये नॉमिनेशन करवाया है। राजमहल डीएसपी ने छापेमारी की बात कुबूल हुए कहा कि एनआइए की टीम को अब तक कुछ खास कामयाबी हाथ नहीं लगी है।