मामूल वसूल करने वाले 80 कांस्टेबलस के ग़ैर अहम मुक़ामात पर तबादले

हैदराबाद सिटी पुलिस में करप्शन की रोक थाम के लिए कमिशनर पुलिस हैदराबाद एम महिन्द्र रेड्डी रिश्वतखोर पुलिस मुलाज़िमीन के ख़िलाफ़ अपना सख़्त मौक़िफ़ इख़तियार किए हुए हैं। पुलिस की साख बेहतर बनाने के लिए कई इक़दामात किए जा रहे हैं इसी के तहत दोनों शहरों के पुलिस स्टेशनस से वाबस्ता मामूल वसूल करने वाले पुलिस कांस्टेबल्स जिन्हें पुलिस ज़बान में कलेक्टर कहा जाता है के ख़िलाफ़ शिकंजा कसते हुए शहर कोतवाल ने 80 कलेक्टरस के तबादले करदिए और उन्हें ग़ैर अहम शोबों में ताय्युनाती के अहकामात जारी किए। बावसूक़ ज़राए ने बताया कि सुनहरे तेलंगाना और हैदराबाद पुलिस को स्मार्ट एड सैफ सिटी बनाने के लिए हुकूमत की तरफ से कई इक़दामात किए जा रहे हैं और इस सिलसिले में हुकूमत की तरफ से फ़ी पुलिस स्टेशन को अख़राजात के लिए 75 हज़ार रुपये हर माह फ़राहम किए जा रहे हैं जबकि तेलंगाना रियासत की तशकील से पहले सिटी पुलिस को स्टेशनरी चार्जस के नाम पर महिज़ 5 हज़ार रुपये हुकूमत की तरफ से फ़राहम किए जाते थे जो पुलिस स्टेशन के अख़राजात के लिए नाकाफ़ी थे। कमिशनर पुलिस महेंद्र रेड्डी ने पुलिस स्टेशन के अख़राजात को 5 हज़ार रुपये से 75 हज़ार कर दिया और हर माह फ़ी पुलिस स्टेशन ये रक़म फ़राहम की जा रही है।कमिशनर पुलिस ने ख़ातिरख़वाह रक़म की फ़राहमी के पेशे नज़र पुलिस स्टेशनस के अमले को दियानतदारी से काम करने और अपने मुताल्लिक़ा इलाक़ों में पुलिस स्टेशन के अख़राजात के नाम पर मामूल वसूल ना करने के लिए सख़्त अहकामात जारी किए थे।

इन अहकामात के बावजूद भी दोनों शहरों के पुलिस स्टेशनस में हनूज़ रिश्वतखोरी का बाज़ार गर्म था और पुलिस स्टेशन के कलेक्टरस अपने अपने इलाक़ों में अख़राजात के नाम पर मासूम अवाम से मामूल वसूल करने में मसरूफ़ थे।पुलिस स्टेशन के उख़राजात के नाम पर मामूल वसूल करने पर पुलिस की साख मुतास्सिर होरही थी और अवाम में अदम इतमीनान की कैफ़ीयत पाई जा रही थी। कमिशनर पुलिस ने कलेक्टरस की सरगर्मीयों की खु़फ़ीया रिपोर्ट तलब की और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करते हुए 80 कांस्टेबल्स के अचानक तबादले करदिए और उन्हें ग़ैर अहम मुक़ामात पर ताय्युनात कर दिया। ला एंड आर्डर पुलिस स्टेशनस के कलेक्टरस के अलावा ट्रैफ़िक पुलिस स्टेशनस और स्पेशल ब्रांच अमले में मौजूद अफ़राद की भी निशानदेही करते हुए उन के भी तबादले करदिए गए।

कलेक्टर एक मख़सूस पुलिस कांस्टेबल होता है जिस का पुलिस स्टेशन में अहम मुक़ाम होता है और सरकारी रिकार्ड में उस की बाज़ाबता डयूटी बताई जाती है जबकि हक़ीक़त में वो महिज़ इलाके में दुकानदार होटल मालकीन ठेला बंडी और दुसरे तिजारती इदारों से ख़र्च के नाम पर मामूल वसूल करते हुए अपने आला ओहदेदारों को पेश करता है।