लखनऊ : लखनऊ के सरोजनी नगर सीट का मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है। इस सीट से बीजेपी से स्वाति सिंह को उतार रही है। स्वाति सिंह हाल ही में चर्चा में तब आई थी जब उन्होंने अपने पति दयाशंकर के पक्ष में खुलकर साथ दिया था। भाजपा नेता दयाशंकर ने मायावती के ख़िलाफ़ महिला विरोधी और अप्पमानजनक टिप्पणी की थी जिसका खामियाजा उन्हें पार्टी से बाहर निकल कर उठाना पड़ा था।
इसी सीट से पहले राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही थी और अब पार्टी उनके चचेरे भाई अनुराग यादव को यहां से उम्मीदवार बनाने जा रही है। इसके अलावा इस सीट से समाजवादी पार्टी की टिकट पर पिछला चुनाव जीत चुके शारदा प्रताप शुक्ला और बहुजन समाज पार्टी के शिव शंकर सिंह भी चुनाव मैदान में हैं।
पार्टी के इस फैसले पर बीबीसी से बातचीत में स्वाति ने कहा, “पार्टी ने मुझमें भरोसा दिखाया है तभी तो मुझे मुश्किल सीट से उतारा है क्योंकि उन्हें लगा होगा कि ये सीट स्वाति ही निकाल सकती है। मुझे पूरा विश्वास है कि लोगों का सहयोग मिलेगा।”
बीजेपी का स्वाति सिंह का चुनावी मैदान में उतारना एक संयोग मात्र है या एक सोची समझी नीति है इसका अंदाजा हम पिछले राजनीतिक घटनाओं से लगा सकते हैं। 2016 के जुलाई के गर्म महीने में देश की उना में दलितों की पिटाई के मामले को लेकर देश में सियासत भी गर्म थी।। संसद में मायावती समेत अन्य बडे़ नेता बीजेपी को इस मामले में घेरने के पुरजोर कोशिश में थे। ऐसे में मायावती ने राज्यसभा में बीजेपी को इस मामले में बयान दिया।
पार्टी के बचाव में दयाशंकर ने मायावती के खिलाफ कुछ ऐसा कह दिया कि पार्टी इस पूरे मामले में बैकफुट में चली गई। आनन-फानन बीजेपी दयाशंकर को पार्टी से बाहर निकाल कर मामला शांत करने की कोशिश की। ऐसे वक्त जब दयाशंकर का कोई साथ नहीं दे रहा था तब उनकी पत्नि स्वाति सिंह खुल कर उनके सर्मथन में आई। उन्होंने इस मामले में ऐसी राजनीति खींची ये दलित और महिला अपमान का फोकस हट कर जाति अस्मिता का सवाल बन गया। तभी से बीजेपी उनको उम्मीदे दिखी और उन्हें प्रदेश के महिला विंग का अध्यक्ष बना दिया। आज उन्हें सरोजनी नगर का टिकट सौंप दिया। अब देखना दिलचस्प देखना होगा स्वाति सिंह बीजेपी की उम्मीदों पर कितना खड़ी उतरती हैं।