मल्टीब्रांड रिटेल में एफडीआई के मुद्दे पर राज्यसभा में हो रही बहस के बाद होने वाली वोटिंग में बीएसपी हुकूमत के हक में रायदही ( वोटिंग) करेगी। मायावती ने आज राज्यसभा में ऐलान किया।
लोकसभा में बी एस पी ने वाकआउट कर हुकूमत की नैया पार लगाई थी। राज्यसभा में बी एस पी के 15 मेम्बर हैं। मायावती ने कहा कि एफडीआई में यह शर्त है कि इसे किसी रियासत पर थोपा नहीं जाएगा, इसलिए बी एस पी इस मुद्दे पर हुकूमत के हक में वोट डालेगी ।
इससे पहले एफडीआई के मुद्दे पर राज्यसभा में हो रही बहस मायावती के बयान के बाद हंगामेदार हो गई। चेयरमैन हामिद अंसारी ने आज मायावती को बोलने का मौका दिया तब उन्होंने सुषमा स्वराज के तरफ से बुध्ावार को दिए गए बयान पर एतराज़ किया था। उन्होंने कहा कि कल लोकसभा की अपोजिशन के लीडर ने घटिया बातें कहीं।
गौरतलब है कि सुषमा स्वराज ने बुधवार को पार्लीमेंट में अपोजीशन का खारिज होने के बाद कहा था कि हुकूमत रिटेल में एफडीआई के तजवीज़ में जीत गई हो, लेकिन यह मामला अपोजीशन बनाम एफडीआई का नहीं था। वास्तव में यह मुद्दा सीबीआई बनाम एफडीआई को था।
मायावती ने कहा कि सीबीआई के दबाव में होने का इल्ज़ाम लगाना फैशन हो गया है। उन्होंने कहा कि लोमड़ी को वोट नहीं मिले तो उसने कहा कि अंगूर खट्टे हैं। मायावती के इस बयान के बाद ही सदन में हंगामा हो गया।
भाजपा सांसद विनय कटियार ने मायावती के बयान पर आपत्ति जताई और इसे संसद के खिलाफ करार दिया, लेकिन संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने इसका मुखालफ किया और कहा कि बीएसपी चीफ का बयान संसद के खिलाफ नहीं है।
मायावती ने आगे कहा कि उन्होंने सीबीआई के दबाव में वाकआउट नहीं किया। उन्होंने बीजेपी पर इल्ज़ाम लगाया कि इसने खुद मर्कज़ में रहते हुए सीबीआई का गलत इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने उन पर इत्तेहाद के लिए सीबीआई का दबाव डाला था। तब उन्होंने समझौता नहीं किया और इस्तीफा देना बेहतर समझा।
मायावती के बयान बाद हंगामा थमता न देख राज्यसभा को 10 मिनट के लिए मुल्तवी करना पड़ा। मायावती ने दोबारा सदन शुरु होने पर कहा कि उन्होंने कभी भी बीजेपी लीडरोसे भाई-बहन का रिश्ता नहीं बनाया। 1995 में बीजेपी लेडरों ने उनके घर पर आकर खुद राखी बंधवाई थी।