नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है। मायावती ने राज्यसभा अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को अपना इस्तीफा पत्र सौंप दिया है। मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को उत्तर प्रदेश में हो रहे दंगों पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त किया था। सदन की कार्यवाही के दौरान उन्होंने कहा कि ‘मेरी बात नहीं सुनी जा रही है, आज इस्तीफा दे दूंगी।
मायावती ने सदन से बाहर निकलने के बाद संवाददाताओं से कहा कि मैं आंदोलन स्थगन के तहत नोटिस दिया था जिसमें बोलने के लिए तीन मिनट की कोई सीमा नहीं होती। जब मैं सहारनपुर जिले के शब्बीरपुर गांव का मामला उठाने की कोशिश की तो सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्य खड़े होकर हंगामा करने लगे और मुझे बोलने नहीं दिया गया।
यदि दलितों और वंचितों का मामला सदन में नहीं उठा सकती तो मेरा राज्यसभा में आने का क्या फायदा। इसलिए मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह आज ही अपना इस्तीफा सौंप देंगे।
मायावती ने आरोप लगाया कि जब से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार सत्ता में आई है पूरे देश में दलितों, पिछड़े मुसलमानों, ईसाइयों, किसानों, मजदूरों और मिडिल क्लास का शोषण हो रहा है। आंध्र प्रदेश में रोहित वेमुला मामला और गुजरात में उना मामला हुआ। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से दलितों पर लगातार कभी गोरक्षा के नाम पर तो कभी किसी अन्य बहाने से हमले हो रहे हैं।