मायावती पर राहुल ने लगाया निशाना

लखनऊ, 28 अगस्त: कांग्रेस के नायब सदर राहुल गांधी ने अब मुल्क की जात पात के निज़ाम पर खुलकर बोलते हुए समाजवादी पार्टी और बसपा सुप्रीमो मायावती पर निशाना साधा है।

दलितों के बहबूद की बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उनके खानदान में जात पात की बात नहीं होती थी और वह खुद इसमें यकीन नहीं करते।

साथ ही उन्होंने अपने वालिद राजीव गांधी, दादी इंदिरा गांधी और परदादा जवाहर लाल नेहरू को याद करते हुए कहा कि वे लोग कभी जाति की बात नहीं करते थे। उनके लिए सब एक जैसे थे। सबकी सलाहियत एक जैसी थी।

राहुल ने मायावती पर सीधा हमला करते हुए कहा कि बसपा चीफ ने अपने इलावा दूसरे किसी दलित लीडर को उभरने का मौका नहीं दिया है।

कौमी दर्ज फरिस्त ज़ात कांफ्रेंस में राहुल ने को कहा कि वह ज़ात पात में यकीन नहीं करते। मेरी सोच है कि इंसान एक होते हैं। मेरे खानदान में ज़ात की बात होती ही नहीं थी।

उन्होंने कहा कि पार्टी में उनकी आवाज एकजुट होकर नहीं आती बल्कि अलग अलग आती है। वह चाहते हैं कि उनकी बात इंसान के तौर पर न आए बल्कि एक कम्युनिटी के तौर पर सामने आए।

इससे आपके कम्युनिटी ( बिरादरी) के लोगों को फायदा होगा। 20-25 साल पहले दलित तबका कांग्रेस की ताइद करता था। दलित कांग्रेस की रीढ़ की हड्डी होती थी।

राहुल ने कांग्रेस के लीडरों को ऐलान करते हुए कहा कि फिर से कांग्रेस दलितों की रीढ़ की हड्डी बने, तो इससे बेहतर कुछ नहीं होगा। इसके लिए उन्हें नहीं बल्कि हमें बदलना है।

राहुल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अगर अभी पांच दलित लीडरों के नाम पूछे जाए तो सिर्फ मायावती के इलावा और कोई नाम नहीं पुकारा जाएगा।

राहुल ने राय दी कि उत्तर प्रदेश समेत सभी रियासतों में हर गांव और शहरों में सभी सतह पर लीडरों की एक सफ (कतार) होनी चाहिए। राहुल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दलितों के साथ भेदभाव हुआ है।

राहुल का कहना था कि जब वह मायावती हुकूमत के वक्त उत्तर प्रदेश गए तो स्कूलों में असातिज़ा ( टीचर्स) से पूछते थे कि उनके स्कूल में टॉपर कौन है। सबसे कमजोर स्टूडेंट कौन है। 90 फीसदी स्कूलों में दलित बच्चा कभी आगे की सफ में बैठा हुआ नहीं दिखा।

राहुल गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस में ही सिर्फ 100 लोग, भाजपा में 70-80, बीएसपी में एक शख्स, सपा में तीन और बीजेडी में दो लोग टिकट तय करते हैं। यानी 500 लोग मुल्क के मुस्तकबिल (सियासी) का फैसला लेते हैं।