सी बी आई ने फ़ैसला किया है कि वो साबिक़ चीफ़ मिनिस्टर उत्तरप्रदेश मायावती के ख़िलाफ़ ग़ैर मह्सूब असासा जात(संपत्ती/property) केस की 9 साला तवील क़ानूनी लड़ाई को कुलअदम क़रार दिया था ।
सी बी आई की सरज़निश करते हुए उस की जानिब से किसी हिदायत के बगै़र मायावती के ख़िलाफ़ एफ़ आई आर दर्ज करते हुए अपने हदूद फलांगने पर तन्क़ीद(परख) की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मायावती के ख़िलाफ़ ग़ैर मह्सूब असासा जात(संपत्ती/property) केस ग़ैर ज़रूरी है। तहक़ीक़ाती इस के अहकामात को ठीक तौर पर नहीं समझ सके बगै़र सोचे समझे एजैंसी ने मायावती के ख़िलाफ़ कार्रवाई की है।