सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने इस्लाम और उनके शरीयत पर विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा है “शरीयत पाखण्ड है। यह एक सामंती और बर्बर कानून है। आधुनिक दुनिया में इसकी कोई जगह नहीं हो सकती। इसे समाप्त कर दिया जाना चाहिए। सभी आधुनिक देश यूसीसी (समान नागरिक संहिता) है।” उसके बाद उन्होंने दूसरा ट्वीट किया है जिसमें लिखा है कि समान नागरिक संहिता भारत के लिए क्यों जरूरी है। इस ट्वाट के साथ उन्होंने अपने ब्लॉग का एक लिंक भी शेयर किया है, जिसमें समान नागरिक संहिता के पक्ष में लिखा है।
इसके पहले उन्होंने लिखा था कि मुस्लिम पर्सनल लॉ पूरी तरह से समय के विरूद्ध और अमानवीय है। क्योंकि यह बदला नहीं जा रहा है क्योंकि इसमें वोट बैंक की राजनीति है।