मुल्क में रहने वाले हर बाशिंदे को भाजपा बराबर से देखती है। सिर्फ मुसलमानों की माला तो लालू प्रसाद और नीतीश कुमार जपते हैं। ऐसे में उन्हें मुसलमान को सीएम ओहदे का उम्मीदवार बनाना चाहिए।
जुमा को लोकनायक जयप्रकाश नारायण को गुलपोशी करने चरखा समिति पहुंचे लोजपा सरबराह रामविलास पासवान लालू प्रसाद के उस बयान पर बोल रहे थे, जिसमें उन्होंने शैयद शाहनवाज हुसैन को वजीरे आला का उम्मीदवार बनाने की मांग की थी।
उन्होंने कहा कि जहां तक शाहनवाज का सवाल है, वजीरे आजम नरेन्द्र मोदी जिसका भी नाम वजीरे आला ओहदे के लिए लेंगे हमारी मुहर उस पर लग जाएगी। पासवान ने चरखा समिति में न सिर्फ जेपी की मूर्ति पर गुलपोशी किया बल्कि उनके रिहाइशगाह के एक-एक कमरे में जाकर अपनी पुरानी यादें ताजी कीं। साथ ही कहा कि तकरीबन 40 साल बीत गए लेकिन लग रहा है कि अभी जेपी के साथ कल ही बैठक हुई है। उनके साथ एमपी चिराग पासवान और साबिक़ एमपी सूरजभान और डॉ. सत्यानंद शर्मा भी थे।
उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने जो नारे गढ़े हैं वह ‘जेपी का है यह संदेश, युवा बचाएं अपना देश’ जैसे नारों की ही नकल है। वह अपने को जेपी के बराबर समझने लगे हैं। जेपी का मुक़ाबला किसी से नहीं की जा सकती। जेपी ने बदउनवान के खिलाफ तहरीक किया था और लालू प्रसाद बदउनवान के मामले में जेल जा चुके हैं।
सहाफ़ियों के सवाल पर चिराग पासवान ने कहा कि लालू प्रसाद और नीतीश कुमार बड़े हैं। उनके बारे में कोई तनकीद मैं नहीं कर सकता। लेकिन 25 साल के इनलोगों के हुकूमत में बिहार से नौजवानों का नक़ल मकानी नहीं रोका जा सका है।