माली: फ़्रांस के ख़िलाफ़ जिहाद,अलक़ायदा का मुतालिबा

दुबई 13 फ़रवरी: ( ए एफ़ पी ) यमन में क़ायम जज़ीरा नुमाए अरब की अलक़ायदा ने जिहाद का मुतालिबा किया है ताकी माली में इस्लाम पसंद बाग़ीयों के ख़िलाफ़ फ़्रांस की फ़ौजी जारहीयत को नाकाम बनाया जा सके । एस आई आई एफ़ सुराग़ रसानी महकमा ने आज इत्तिला दी कि इंतिहापसंद ग्रुप की शरई कमेटी ने अपने एक बयान में जिसकी इत्तिला अमेरीकी एस आई आई एफ़ की जानिब से फ़राहम की गई है जो इंतहापसंदों के इंटरनेट फोर्म्स पर निगरानी रखती है ,कहा कि जज़ीरा नुमाए अरब की अलक़ायदा ने अपनी इंटरनेट पर शाय शूदा बयान में कहा माली में मुसलमानों की ताईद हर मुसलमान का फ़र्ज़ है जो उसकी क़ाबिलीयत रखता है ।

उसे माली में मुसलमानों को जानी-ओ-माली मदद देनी चाहीए , हर शख़्स जो इस काबिल हो उसे ऐसा ज़रूर करना चाहीए । ए क्यू ए पी (AQAP) ने जिसको आलमी जिहादी नेटवर्क की ख़तरनाक तरीन शाख़ क़रार दिया गया है कहा कि फ़्रांस की इस्लाम के ख़िलाफ़ सलीबी जंग की मुहिम का कोई जवाज़ नहीं है, ये इस्लाम और मुसलमानों के ख़िलाफ़ जारहीयत का आलामीया है ।

अलक़ायदा ने कहा कि जिहाद हर उस शख़्स की ज़िम्मेदारी है जो इस जंग से क़ुरबत रखता है । वो वाज़िह तौर पर शुमाली अफ़्रीक़ी ममालिक का और इन ममालिक में मुक़ीम हैं जो फ़्रांस की मदद कररहे हैं , का हवाला दे रहा था ।

अलक़ायदा ने कहा कि मुसलमानों को किसी भी तरीक़ा से ग़ैर मुस्तहकम करने में मदद फ़राहम करना मज़हब से इन्हिराफ़ है । फ़्रांस ने अफ़्रीक़ी मुल्क में 11 जनवरी से फ़ौजी कार्रवाई शुरू कर रखी है जबकि माली की उबूरी हुकूमत ने इससे मदद तलब की थी ।

फ़्रांस ने अपने लड़ाका तय्यारे , जंगी हेलीकाप्टर और ज़मीनी फ़ौज रवाना की हैं ताकी इस्लामी बाग़ीयों से जिन्होंने शुमाली माली पर क़बज़ा कर लिया है और जुनूबी माली की सिम्त पेशरफ़्त कर रहे हैं , जंग की जा सके ।

ये मुहिम जिसमें इब्तेदा में कामयाबी हासिल हुई थी फ़्रांस और अफ़्रीक़ी फ़ौजीयों के गा (Gao), टिम्बिकटौ (timbuktu) और बाग़ीयों के ज़ेर-ए-क़ब्ज़ा दीगर कस्बों से इंतहापसंदों को निकाल बाहर करने के बाद कामयाबीयों के सिलसिला में तात्तुल पैदा हो गया ।

अलक़ायदा बराए जज़ीरा नुमाए अरब का क़ियाम जनवरी 2009 में अमल में आया था जब सऊदी अरब और यमन में अलक़ायदा की शाख़ें बाहम इंज़िमाम के ज़रीया जुनूबी जज़ीरा नुमाए अरब के मुल्क में मुत्तहिद हो गई थीं ।