अफ़्रीक़ी मुलक माली में इक़तिदार पर क़बज़ा करने वालेबाग़ी फ़ौजीयों ने रियास्ती इदारों और आईन को बहाल करने का ऐलान कर दिया। ताहम किसी हतमी तारीख़ का ऐलान नहीं किया है। बाग़ी फ़ौजीयों को हमसाया ममालिक की तरफ़ से पाबंदीयों की धमकी देते हुए मुंतख़ब हुकूमत को बहाल करने केलिए पैर तक की मोहलतदी गई थी।
माली के फ़ौजीयों ने शुमाल में तिवा रुक बाग़ीयों के ख़िलाफ़ लड़ाई तेज़ करने केलिए दस रोज़ कब्ल इक़तिदार पर क़बज़ा कर लिया। फ़ौजीयों का कहना था कि हुकूमत ने उन्हें बाग़ीयों के ख़िलाफ़ लड़ने केलिए हसब-ए-ज़रूरत सहूलतें फ़राहम नहीं कीं इस लिए वो ख़ुद इक़तिदार सँभाल कर बाग़ीयों को फ़ैसलाकुन शिकस्त देना चाहते हैं।
लेकिन फ़ौज के इक़तिदार पर क़बज़े के बाद तिवा रुक बाग़ीयों ने तेज़ी से पेश क़दमी की और शुमाल में तमाम फ़ौजी अड्डों पर क़बज़ा कर लिया।