मालेगांव धमाके: 9 मुसलमानों को बेगुनाह समझने में लग गए 10 साल

कहते हैं भगवान्  के घर देर है अंधेर नहीं, शायद यही कहावत है कि दस साल से आतंकवाद के इलज़ाम में बंद 9 मुसलमानों को अदालत ने बरी कर दिया. महाराष्ट्र ATS ने नूरुल हुडा सम्सुदोहा, शब्बीर अहमद मसी उल्लाह, रईस मंसूरी ,सलमान फारसी, मोहम्मद अली, आसिफ खान, मोहम्मद जाहिद, अबरार अहमद और फ़रोग इक़बाल को सिमी का सदस्य होने के इलज़ाम में और मालेगांव बम धमाकों की बुनियाद पे गिरफ़्तार किया था लेकिन MCOCA कोर्ट ने सारे इलज़ाम बेबुनियाद पाए और सभी आरोपियों को रिहा कर दिया. जब जज वी वी पाटिल ने फ़ैसला सुनाया, 8 आरोपी मौजूद थे, सभी की आँखें भर आयीं. अब सवाल ये है कि क्या इनकी 10 साल की ज़िन्दगी कुछ नहीं थी?, क्या ये लोग अपनी ज़िन्दगी को बेहतर रास्ता दे पायेंगे? हमारी सरकारों को इस ओर ध्यान देना होगा.