क़ौमी तहक़ीक़ाती इदारा (एनआईए) ने आज ख़ुसूसी मकोका अदालत को बताया कि उसने 2006 मालेगांव गांव धमाका केस की कोई ताज़ा तहक़ीक़ात नहीं की क्योंकि ये सिर्फ़ आला अदलिया की हिदायात के मुताबिक़ ही किया जा सकता है।
एन आई ए ने कहा कि ये एक तएशूदा मुआमला है। ताज़ा तहक़ीक़ात या मुकर्रर तहक़ीक़ात सिर्फ़ आला अदलिया की हिदायत पर ही की जा सकती है। उसने इस केस में सिर्फ़ मज़ीद तहक़ीक़ात का काम अंजाम दिया था। एजेंसी ने अपना जवाब इस केस में गिरफ़्तार शूदा एक मुल्ज़िम धनसिंह की जानिब से अदालत में गुज़िश्ता माह एक दरख़ास्त दाख़िल करने के बाद पेश किया है।
मुल्ज़िम ने कहा था कि एन आई ए की जानिब से की गई मज़ीद तहक़ीक़ात बिलकुल्लिया ग़ैर क़ानून है। मुल्ज़िम ने इस्तिदा की थी कि एन आई ए की अंजाम दी गई तहक़ीक़ात को गै़रक़ानूनी क़रार देदिया जाये।