मालेगांव बम धमाके, कर्नल पुरोहित और प्रज्ञा ठाकुर को ज़मानत से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

नई दिल्ली, ०५ अक्टूबर (पी टी आई) सुप्रीम कोर्ट ने आज 2008 मालेगांव बम धमाका मुक़द्दमे में साबिक़(पूर्व) फ़ौजी ओहदेदार श्रीकांत प्रसाद पुरोहित, प्रज्ञा ठाकुर और दीगर को उबूरी ज़मानत (अंतरिम जमानत/Interim Bail) मंज़ूर करने से इनकार किया।

जस्टिस एच एल दत्तू और जस्टिस सी के प्रसाद पर मुश्तमिल ( सम्मिलित) बंच ने सीनीयर वकील यू आर ललित की इस दलील को तस्लीम ( कुबूल) नहीं किया जिन्होंने मुल्ज़िमीन ( आरोपी) की तरफ़ से पेश होते हुए कहा कि वो गुज़श्ता 4 साल से जेल में हैं और उन की दरख़ास्तों की अदालत इलालिया समाअत ( सुनवायी) नहीं कर रही है।

बंच ने कहा कि हम इस मरहला पर उबूरी ज़मानत (अंतरिम जमानत/Interim Bail) नहीं दे सकते। साथ ही साथ ये भी वाज़िह ( स्पष्ट) किया कि दरख़ास्तों की वक़फ़ा वक़फ़ा से समाअत (सुनवायी) ना होने में हमारी कोई ग़लती नहीं है क्योंकि रियास्ती हुकूमत ने इस मुक़द्दमा की समाअत ( सुनवायी) को मुल्तवी करने की ख़ाहिश की थी। अदालत ने मुक़द्दमा की समाअत ( सुन्वायी) तीन हफ़्तों के लिए मुल्तवी कर दी।

बंच ने नैशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी को मुल्ज़िमीन ( आरोपी) से तफ़तीश ना करने के सिलसिले में जारी करदा उबूरी( Interim/ अंतरिम) हुक्मनामा में तौसीअ (extended) भी दी। जारीया साल 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाइकोर्ट के अलतवा में तौसीअ (extended/ विस्तारित) दी थी।