मालेगांव ब्लास्ट मामला अदालत पर छोड़ देना चाहिये: अरुण जेटली

नई दिल्ली: विपक्ष की ओर से दक्षिणपंथी के खिलाफ आतंकवाद मामलों में मोदी  सरकार आरोपों में नरमी करने के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यह मामला अदालतों पर छोड़ देना चाहिए। अगर कोई बात गलत या अनुचित हो तो न्यायालय इस पर गौर करेंगे। कांग्रेस पर जवाबी आलोचना करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि जब यूपीए सत्ता में थी तो उसने सयान्ती विभागों को ‘मन धड़क आरोप’ लगाने के लिए इस्तेमाल किया था।

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उन्होंने कहा कि ऐसे सभी मामलों में अदालतों ने आरोपियों को मुकदमा चलाए बिना ही बरी कर दिया। इंडियन वीमेंस प्रेस कोर्ट पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यह कानूनी मामलों और उन्हें अदालतों पर छोड़ दिया जाना चाहिए ‘वही हर गलती या अनुचित बात की समीक्षा होगी। उनसे कांग्रेस के आरोप पर कि साध्वी प्रज्ञा और अन्य के खिलाफ सरकार ने आरोपों से अस्वीकरण अपनाया है’ पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने यह सुझाव दिया।

उन्होंने भाजपा शासित राज्यों में पाठ्यपुस्तकों में संशोधन करते हुए विपक्षी दलों से संबंध रखने वाली महान हस्तियों का जिक्र हटा दिया के आरोप पर उन्होंने कहा कि भगवा पार्टी जब भी सत्ता में आई और पाठ्यपुस्तकों में संशोधन ऐसे ही आरोप लगाने के लिए विपक्ष का सामान्य है। जब समझाया जाता है तो वह इसकी समीक्षा बिना विपरीत तस्वीर पेश करते हैं। उन्होंने कहा कि आरोप विवरण समीक्षा बिना वह कुछ भी कहने में असमर्थ हैं।