मालेगांव मुक़द्दमा : बेकसूरों को क़ैद करना ख़तरनाक

नई दिल्ली । 24 मई (पी टी आई) बेकसूरों को क़ैद में रखना इतना ही संगीन जुर्म है जितना कि दहश्तगर्द कार्यवाहीयां ख़तरनाक होती हैं। पुलिस और तहक़ीक़ाती महिकमों को चाहीए कि उसे मुक़द्दमात से निमटते वक़्त इंतेहाई एहतियात इख़तियार करें। क़ौमी अक़ल्लीयती कमीशन के सदर नशीन वजाहत हबीबुल्लाह ने एक सवाल के जवाब में ये तबसरा किया।

उनसे क़ौमी तहक़ीक़ाती महिकमे की तरफ से मुंबई में मुश्तबा अफ़राद के ख़िलाफ़ जिन पर शक है की वो इंतिहापसंद दाएं बाज़ू के ग्रुप से ताल्लुक़ रखते हैं और 9 मुस्लिम नौजवानों के ख़िलाफ़ कार्यवाहीयां करने के फ़ैसले के बारे में सवाल किया गया था। मुंबई पुलिस के आला सतही शोबा इन्सिदाद-ए-दहशतगर्दी स्कॉट्स (ए टी ऐस) और सी बी आई पहले 9 मुस्लिम नौजवानों पर फ़र्द-ए-जुर्म आइद कर चुके है और इल्ज़ाम आइद कर चुके है कि 8 सितंबर को 2006 को उन्होंने धमाको के ज़रीया मालेगांव में जो मुंबई से 290 किलोमीटर दूर फ़िर्कावाराना एतबार से एक हस्सास इलाक़ा है, धमाके किए थे।ये नौजवान 5 साल से क़ैद में थे।

एन आई ए ने उनकी ज़मानत पर रिहाई की दरख़ास्तों की मुख़ालिफ़त नहीं की थी। इसके बाद ही उन्हें रिहा किया गया था। वजाहत हबीबुल्लाह ने पी टी आई से बातचीत करते हुए कहा कि ऐसा नहीं होना चाहीए था क्योंकि ये ख़तरनाक भी होसकता है। इससे ये भी निशानदेही होती है की हक़ीक़ी दहश्तगर्द अब भी आज़ाद हैं।

उन्होंने कहा कि नौजवानों को दहश्तगर्दी के मुक़द्दमात में ग़लत तौर पर फंसाने से उनकी ज़िंदगीयों पर गहरा दाग़ लग जाता है। उन्होंने कहा कि इनका मतलब ये है की वो ऐसे अफ़राद को मुलाज़मतें फ़राहम करने या अपनी बहनों और बेटीयों से उनकी शादी करने से हिचकिचाते हैं।

वजाहत हबीबुल्लाह ने कहा कि वो इन नौजवानों के सिलसिले में हुकूमत महाराष्ट्रा और मर्कज़ी हुकूमत से बातचीत करेंगे और उनकी बाज़ आबादकारी का मुतालिबा करेंगे। उन्होंने कहा कि उन अफ़राद को जल्द अज़ जल्द बाज़ आबादकारी की ज़रूरत है। क़ौमी अक़ल्लीयती कमीशन की कोशिशों के अलावा जिस से मुस्लिम नौजवानों के वालदैन के वफ़द ने मुलाक़ात की थी, वजाहत हबीबुल्लाह ने कहा कि ये वफ़द मुंबई को भी एक टीम रवाना कर चुकी है ताकि इस मामले की तहक़ीक़ात करे।

उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस ने भी अपनी ग़लती तस्लीम की है और उसकी तहक़ीक़ात सी बी आई और एन आई ए को सौंप दी गईं।