मालेगांव 2006 बम धमाका मुआमला:मुस्लिम नौजवानों के मुक़द्दमा से बाइज़्ज़त रिहाई की दरख़ास्त मुस्तर्द की जाये: ए टी एस

क़ौमी तफतीशी एजेंसी एन आई ए की जानिब से 2006 मालेगावं बम धमाका मुआमले में मुक़द्दमात का सामना करने वाले 9 बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों को क्लीन चिट मिलने के बाद आज यहां रियासती इन्सेदाद-ए-दहशतगर्द दस्ता ने इन मुल्ज़िमीन की जानिब से उन्हें मुक़द्दमा से बाइज़्ज़त बरी किए जाने वाली दरख़ास्त की ना सिर्फ़ मुख़ालिफ़त की बल्कि उसे मुस्तर्द कर दिए जाने के साथ साथ इन मुल्ज़िमीन पर आइद इल्ज़ामात को दरुस्त क़रराद देते हुए ये कहा कि ए टी एस के साथ साथ सी बी आई ने भी इस मुआमले की तफ़तीश की थी और इस ने भी मुल्ज़िमीन के ख़िलाफ़ मवाद जमा किए थे ।

वाज़ेह रहे कि इस मुआमले की इब्तिदाई तफ़तीश ए टी एस ने की थी इस के बाद मुक़ामी मुसलमानों के एहतिजाज पर मुआमले की तफ़तीश सी बी आई के सपुर्द की गई थी लेकिन सी बी आई ने भी ए टी इसकी तफ़तीश को दुरुस्त क़रार दिया था लेकिन बाद में जमातुल उल्मा महाराष्ट्र(अरशद मदनी)के मुतालिबा पर मुआमले की तफ़तीश एन आई ए के सपुर्द की गई थी जिस के बाद ही इन मुल्ज़िमीन को ज़मानत हासिल हुई थी ।

गुज़शता दिनों एन आई ए ने इस मुआमले में दीगर मुल्ज़िमीन के ख़िलाफ़ फ़र्द-ए-जुर्म भी दाख़िल की थी जिस में इस ने इन मुल्ज़िमीन को क्लीन चिट देते हुए ए टी एस और सी बी आई की जानिब से की गई तफ़तीश को ग़लत क़रार दिया था । एन आई ए की जानिब से क्लीन चिट मिलने के बाद इन मुल्ज़िमीन ने जमातुल उल्मा के तवस्सुत से मुक़द्दमा से बाइज़्ज़त बरी किए जाने की दरख़ास्त की थी जिस की समाअत के दौरान एन आई ए और सी बी आई ने मुआमला अदालत पर छोड़ दिया था लेकिन ए टी एस जवाब दाख़िल करने से पसे पेश कर रही थी नीज़ गुज़शता समाअत के दौरान ए टी एस ने यक़ीन दहानी करवाई थी कि अगली समाअत पर वो अपने मौक़िफ़ का इज़हार करेगी जिस के तहत आज बाला ख़ैर ए टी एस ने 19 सफ़हात पर मुश्तमिल जवाब दाख़िल किया और मुल्ज़िमीन को बाइज़्ज़त बरी किए जाने की सख़्त लफ़्ज़ों में मुख़ालिफ़त की।

ख़ुसूसी अदालत के जज वाई डी शिंदे के रूबरू असिस्टेंट कमिशनर आफ़ पुलिस पास्कल डिसूज़ा और तहक़ीक़ाती अफ़्सर मोहिते ने मुंबई हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसलों का हवाला देते हुए कहा कि फ़र्द-ए-जुर्म दाख़िल हो जाने के बाद इस्तिग़ासा मुल्ज़िमीन के ख़िलाफ़ दायर करदा मुक़द्दमा वापस नहीं ले सकता है नीज़ अदालत चाहीए तो उन मुल्ज़िमीन के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा चला कर अपना फ़ैसला सादर करे।

ए टी एस ने अदालत को मज़ीद बतलाया कि मुल्ज़िमीन के ख़िलाफ़ पुख़्ता सबूत विश्व हिंदू की बुनियाद पर मुक़द्दमा क़ायम किया था जिसमें 7 मुल्ज़िमीन के इक़बालिया बयानात ,जेल में मुनाक़िदा शनाख्ती परेड में मुल्ज़िमीन की हाथ लगा कर शनाख़्त करना,वाअदा माफ़ गवाह का बयान ,मुल्ज़िम मुहम्मद अली शेख़ का मुंबई से मालेगांव के सफ़र के काग़ज़ात , सरकारी गवाहों के मुल्ज़िमीन के ख़िलाफ़ बयानात व दीगर चीज़ें शामिल हैं ।

दौरान कार्रवाई आज अदालत में एक जानिब जमातुल उल्मा महाराष्ट्र (अरशद मदनी) की जानिब से एडवोकेट अब्दुल लहब ख़ान और एडवोकेट शाहिद नदीम अंसारी मौजूद थे वहीं एन आई ए की जानिब से ख़ातून एडवोकेट गीता गोडम्बे के साथ साथ हिंदू दहशतगर्दों के वकील मग्गो भी हाज़िर थे ।

रियासती हुकूमत की जानिब से दाख़िल करदा अर्ज़दाश्त को अपने रिकार्ड पर लेते हुए अदालत ने अपनी कार्रवाई 2 अगस्त तक मुल्तवी कर दी। वाज़ेह रहे कि मुस्लिम नौजवानों को एन आई ए की जानिब से क्लीन चिट दिए जाने और फिर फ़ैसला अदालत पर छोड़े जाने के मौक़िफ़ के बाद इसी मुआमले में बाद में गिरफ़्तार किए गए भगवा जमातों से ताल्लुक़ रखने वाले मुल्ज़िमीन ने मुस्लिम नौजवानों की रिहाई के अमल में रोड़ा अटकाते हुए एक अर्ज़दाश्त दाख़िल की थी और अदालत को बतलाया था कि वो एन आई ए की जानिब से उन मुस्लिम नौजवानों को क्लीन चिट दिए जाने से मतमईन नहीं हैं क्योंकि इस मुआमले की इब्तिदाई तफ़तीश ए टी एस और सी बी आई ने की थी |

जिस ने इन मुल्ज़िमीन(मुस्लिम नौजवानों) के ख़िलाफ़ फ़र्द-ए-जुर्म भी दाख़िल की थी लिहाज़ा अदालत नौजवानों की अर्ज़दाश्त पर फ़ैसला सादर करने से क़बल ए टी एस और सी बी आई से राय तलब करे इसी दौरान अदालत ने भगवा तंज़ीमों के मुल्ज़िमीन की जानिब से किए जाने वाले एतराज़ को मुस्तर्द कर दिया था |