वांटेड टाइकून ‘विजय माल्या’ को लंदन में मंगलवार सुबह गिरफ्तार किया गया था, जो प्रत्यर्पण वारंट के आधार पर था। उन्हें बाद में जमानत दे दी गई, £ 6,50,000 के बांड पर बरी कर दिया गया और 17 मई को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया ।
स्कॉटलैंड यार्ड ने एक बयान में कहा, “मेट्रोपॉलिटन पुलिस की प्रत्यर्पण इकाई के अधिकारियों ने आज सुबह, मंगलवार 18 अप्रैल को एक व्यक्ति को प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया है,” । स्कॉटलैंड यार्ड ने यह भी कहा,” शराब व्यापारी को भारतीय अधिकारियों की ओर से धोखाधड़ी के आरोप मे गिरफ्तार किया गया है। उन्हें केंद्रीय लंदन पुलिस स्टेशन में उपस्थित होने के बाद गिरफ्तार किया गया था और अब वे वेस्टमिंस्टर मैजिस्ट्रेट्स कोर्ट में दिखाई देंगे”। इस साल के शुरू में भारत ने माल्या को प्रत्यर्पित करने की औपचारिक कार्यवाही शुरू की थी जिसमें कई आरोपों में 9,000 करोड़ रुपए के ऋण के चूक का आरोप भी शामिल था।
नई दिल्ली और लंदन में उचित दस्तावेज सौंप दिए गए थे। वास्तविक प्रत्यर्पण यू.के. की अदालतों पर निर्भर करेगा परन्तु सूत्रों का कहना है की इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए राजनीतिक इच्छा भी थी। भारत -यू.के.की प्रत्यर्पित संधि 1993 के अनुसार पिछले 23 सालों मे कोई भी प्रत्यर्पित नहीं किया गया है, हालाकी पिछले वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के संबंध में भारत द्वारा मांगे गए ‘समीरभाई विनूभाई पटेल’ को प्रत्यर्पित किया गया था।
इस साल के शुरू में लंदन के दौरे के दौरान, वित्त मंत्री ‘अरुण जेटली’ ने बिना ‘माल्या’ का नाम लिए चूककर्ताओं के मुद्दे पर भारत की गंभीरता पर प्रकाश डाला था । इस मुद्दे पर प्रधान मंत्री ‘थेरेसा मे’ और एक्सचेंक चांसलर ‘फिलिप हैमोंड’ के साथ भी विचार-विमर्श किया गया है।
एक सीबीआई की टीम भारतीय उच्चायोग के समन्वय के साथ यू.के. में प्रत्यर्पण अनुरोध को आगे बढ़ाने के लिए रवाना होगी।