देश के बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपए से ज्यादा कर्ज लेकर फरार शराब कारोबारी विजय माल्या ने जेट एयरवेज के राहत पैकेज को लेकर मंगलवार को सरकारी बैंकों पर ‘दोहरा मापदंड’ (Double Standard) अपनाने का आरोप लगाया है. माल्या ने मौजूदा NDA सरकार पर भी निशाना साधा है.
वित्तीय संकट का सामना कर रही जेट एयरवेज को बचाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की अगुआई में बैंकों द्वारा कंपनी का प्रबंधन अपने हाथों में लेने के बाद माल्या ने इसपर एक के बाद एक कई ट्वीट किया. माल्या ने कहा, ‘मेरी इच्छा थी कि किंगफिशर के लिए भी ऐसा ही किया जाता.’
उसने कहा, ‘यह देखकर खुशी हुई कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने नौकरी, संपर्क सुविधा (कनेक्टिविटी) और कंपनी को बचाने के लिए जेट एयरवेज को मदद मुहैया की.’
माल्या ने कहा, ‘इन्हीं बैंकों ने बेहतर कर्मचारियों और संपर्क सुविधा वाली देश की सबसे बेहतरीन एयरलाइंस के मामले में ऐसा नहीं किया और उसे बर्बाद होने के लिए छोड़ दिया. यह NDA सरकार का दोहरा मापदंड है.’
साथ ही माल्या ने यह दावा किया कि ‘मैंने किंगफिशर एयरलाइंस और उसके कर्मचारियों को बचाने के लिए कंपनी में 4,000 करोड़ रुपए का निवेश किया.’ उसने किंगफिशर और जेट एयरवेज के मामले में अलग-अलग बर्ताव करने के लिए बीजेपी की निंदा की.
भगोड़े शराब कारोबारी ने कहा, ‘बीजेपी के प्रवक्ता ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भेजे मेरे पत्रों को जोर-शोर से उठाया और आरोप लगाया कि UPA सरकार में सरकारी बैंकों ने किंगफिशर एयरलाइंस की गलत तरीके से मदद की.’
माल्या ने कहा, ‘मीडिया ने मुझे मौजूदा प्रधानमंत्री के लिए लिखने के लिए उकसाया है. मुझे हैरानी है कि वर्तमान NDA सरकार में क्या बदल गया.’
इसके अलावा माल्या ने अपनी संपत्तियों के जरिए बैंकों के बकाए का भुगतान करने की एक बार फिर पेशकश की. माल्या ने कहा, ‘मैं फिर से दोहराता हूं कि मैंने सरकारी बैंकों और अन्य कर्जदाताओं का बकाया चुकाने के लिए माननीय कर्नाटक हाईकोर्ट के सामने अपनी चल संपत्ति रखी है. बैंक पैसा क्यों नहीं ले रहे हैं. इससे कुछ और नहीं तो कम से कम जेट एयरवेज को बचाने में मदद मिलेगी.’