माविस्ट् (maoist) दहश्तगरदों से ज़्यादा ख़तरनाक

कोलकता 17 नवंबर (पी टी आई) माविस्टो के ताज़ा तशद्दुद का सामने करनेवाली चीफ़ मिनिस्टर मग़रिबी बंगाल ममता बनर्जी ने आज माओ सुट्टों को दहश्तगरदों से ज़्यादा ख़तरनाक क़रार देते हुए इंतिबाह दिया कि इन की हुकूमत ख़ूँरेज़ी की ख़ामोश तमाशाई बनी हुई नहीं रहेगी।

ममता बनर्जी ने माओ सुट्टों की जानिब से जंग बिन्दी में यकतरफ़ा तौसीअ की पेशकश के एक दिन बाद कहाकि अवाम को क़तल करना जारी रखते हुए अमन की बातचीत नहीं की जा सकती। हुकूमत ख़ामोश तमाशाई बनी नहीं रह सकती क्योंकि इस को नज़म-ओ-क़ानून बरक़रार रखना है।

हम हलाकतों के दौरान ख़ामोश नहीं रह सकती। उन्हों ने कहाकि माओसट दहश्तगरदों से ज़्यादा ख़तरनाक हैं। ताहम वो अब भी नेक नीयती बरक़रार रखना चाहती हैं और समझती हैं कि मावॊसिट् असल धारे में वापिस आ जाऐंगी, अगर वो ऐसा करें तो रियास्ती हुकूमत भी अपनी ज़िम्मेदारी निभाएगी।

ये हुकूमत की ज़िम्मेदारी है कि अवाम को तहफ़्फ़ुज़ फ़राहम करी। चीफ़ मिनिस्टर मग़रिबी बंगाल तृणमूल कांग्रेस के दो हामीयों के माओ सुट्टों के हाथों ज़िला पुरूलिया के इलाक़ा बलराम पर मैं 14 नवंबर को क़तल के ताज़ियती जलसा से ख़िताब कर रही थीं। उन्हों ने कहाकि आज लोग रक़म और पनाह फ़राहम करके माओ सुट्टों की मदद कररहे हैं।

हुकूमत उन पर नज़र रखे हुए ही। उन्हों ने अवाम से भी अपील की कि वो उन की सरगर्मीयों के बारे में खासतौर पर ज़िला हुगली के इलाक़ा अतरपाड़ा में इन की सरगर्मीयों पर और जाधव पर यूनीवर्सिटी जैसी यूनीवर्सिटीयों में बाअज़ तलबा-ए-की सरगर्मीयों पर गहिरी नज़र रखें।

उन्हों ने कहाकि वो जानती हैं कि अवाम बुरे नहीं हैं लेकिन निगरानी ज़रूरी ही। मग़रिबी बंगाल की बायां महाज़ हुकूमत के दौर में जब तृणमूल कांग्रेस रियासत की अहम अपोज़ीशन थी , ममता बनर्जी माओ सुट्टों की भरपूर ताईद कर रही थीं।