असेंबली में तालीम वजीर पीके शाही ने कहा कि धर्मासती गंडामन स्कूल के मिड डे मील में मिले जहर की सलाहियत इतनी ज्यादा थी कि एक एमएल से एक हजार चूहे मर सकते थे। राजद के मुल्तवी तजवीज पर पीर को दो घंटे की बहस का जवाब देते हुए तालीम वजीर ने कहा कि प्रिंसिपल के शौहर अर्जुन राय ने 14 जुलाई को सिधवलिया चीनी मिल से मोनोप्रोटोफॉस की खरीद की थी।
उसने यह ज़हर अपने चचेरे भाई ध्रुव राय के वास्ते खरीदा था। एफएसएल की जांच में भोजन में मोनोप्रोटोफॉस पाया गया है। इस मामले की जांच चल रही है। इसमें जो भी मुजरिम पाये जायेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। तालीम वजीर ने यह भी कहा कि किसी भी बच्चे की मौत मशरक पीएचसी में नहीं हुई थी। जदयू के मंजीत सिंह ने कहा कि वाकिया को अंजाम देने में ओपोजिशन की साजिश रही है। इस पर भाजपा के मेंबर वेल में आ गये। तालीम वजीर के जवाब का भाजपा और राजद ने बायकाट किया। उस वक़्त वजीर ए आला नीतीश कुमार एवान में मौजूद थे।
तालीम वजीर ने एवान को बताया कि 16 जुलाई को मिड डे मिल खाने से बच्चों की तबीयत खराब होने लगी थी। 47 बच्चों को मशरक अस्पताल में लाया गया। वहां डॉ एआर अंसारी व डॉ आरपी सिंह मौजूद थे। फिर बगल के अस्पतालों से डॉक्टरों को बुला लिया गया। अस्पताल में एट्रोपिन की सूई भी दी गयी। मशरक अस्पताल में एक भी बच्चे की मौत नहीं हुई। पर, बीमार बच्चों की तादाद ज्यादा होने से वहां इलाज मुमकिन नहीं था। ऐसे में बच्चों को छपरा सदर अस्पताल भेजा गया। छपरा में बच्चों की हालत में सुधार दिखने लगा था। इसी दरमियान एक बार फिर उनकी हालत बिगड़ने लगी। तभी सभी बच्चों को एंबुलेंसों से पटना के लिए रवाना किया गया। सभी एंबुलेंसों में डॉक्टर थे।
पीएमसीएच लाने के दौरान चार बच्चों की मौत रास्ते में हो गयी। इलाज के दौरान पीएमसीएच में दो और बच्चों की मौत हो गयी। जो बच्चे पीएमसीएच लाये गये, उनका बेहतरीन इलाज किया गया। अभी जो बच्चे पीएमसीएच में हैं, उन्हें डॉक्टरों के बोर्ड के मुतमईन होने के बाद ही छुट्टी दी जायेगी। ओपोजिशन से मशवरा की उम्मीद थी तालीम वजीर ने कहा कि बच्चों की मौत पर सियासत हो रही है। एवान में मिड डे मिल को लेकर ओपोजिशन से बेहतर मश्वरे की उम्मीद थी। लेकिन, अपोजिशन मेम्बर वजीर ए आला की अंगुली में चोट लगने पर ओछी सियासत कर रहे हैं।