पटना 21 जुलाई : सारण के मशरक वाक़ेय गंडामन प्रायमरी स्कूल में बच्चों को परोसे गये खाने में जहरीला पदार्थ मोनोकोटोफॉस नामी ऑर्गेनो फास्फोरस मादह पाया गया है। यह तेल में मिला हुआ था। 16 जुलाई को मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत हो गयी थी। फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट में तरीका सायंस लेबोरेट्री के सायंसदानों की तरफ से की गयी तहकीकात के बाद जराअत में इस्तेमाल किये जानेवाले ज़हर का पाया जाना सायंसी तौर से साबित हुआ है। यह इंसानों और दीगर जरासिम के लिए इन्तेहाई जहरीली होती है।
फॉरेंसिक सायंस लेबोरेट्री के डायरेक्टर उमेश कुमार सिन्हा ने जांच रिपोर्ट को पुलिस और मुतल्लिक कोर्ट को सौंप दी। अडिशनल पुलिस (हेड क्वार्टर) रवींद्र कुमार ने एफएसएल की तरफ से जांच रिपोर्ट जारी किये जाने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मशरक, जिला सारण थाना कांड नंबर – 154/13 तारीख 16.07.2013, दफा 302/307/328/120(बी) में मर्तब किये गये तरीका सायंस मुतल्लिक रियासत की तरीका सायंस लैब में ताज़िजिया किया गया। सायंसदानों ने खाना पकानेवाले मुश्तबा जहरीला जरिये, जिसे स्कूल में प्लास्टिक के डिब्बा में पाया गया था, और बरतनों और थालियों से खाना के नमूने की जांच की। इन नमूनों में जीसीएमएस आलात पर मयारी ताज़िजिया अमल की तरफ की गयी जांच में मोनोकोटोफॉस नमी ऑर्गेनो फास्फोरस मादह को पाया गया है।
पांच गुना ज्यादा असर वाला था जहर
एडीजी ने बताया कि सायंसदानों ने इस केस में जमा सबूतों के नमूनों को बाजार में दस्तयाब ‘हिलकॉन’ नामी ज़हर के साथ मुकाबले की. इस ताक़बली मुताला में भी ऑर्गेनो फॉस्फोरस साबित हुआ है। एफएसएल रिपोर्ट के साथ दस्तयाब डाटा में देखा गया कि खाना पकाने वाले तेल में मज्कुरह ज़हर बाजार के मयारी नमूने से पांच गुना से भी ज्यादा था।