मिड डे मील में मिली छिपकली, खाने से 120 बच्चे बीमार

जमशेदपुर : शहर के राजकीय मिडिल स्कूल, लक्ष्मीनगर में मंगल की दोपहर छिपकली मिला मिड डे मील खाने से 120 से ज्यादा बच्चे बीमार हो गए। आननफानन में रोते-बिलखते बच्चों को इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल पहुंचाया गया। एक साथ सौ से ज्यादा बच्चों के अस्पताल पहुंचते ही, वहां अफरातफरी मच गई। वालिदैन जल्द से जल्द अपने बच्चों का इलाज कराने के लिए इधर-उधर भाग दौड़ करते रहे। जांच के बाद एमजीएम के डॉक्टरों ने 20 बच्चों की हालत संगीन बताई। तकरीबन पांच घंटे के इलाज के बाद देर शाम बच्चों की हालत में सुधार हुआ, तो उन्हें घर भेज दिया गया।

स्कूल की प्रिन्सिपल कमला कुमारी ने बताया कि दोपहर डेढ़ बजे बच्चों को एमडीएम परोसा गया। 15 मिनट बाद ही कुछ बच्चों ने पेट में दर्द की शिकायत की। कुछ बच्चों को उल्टी होने लगी। धीरे-धीरे शिकायत करनेवाले बच्चों की तादाद बढ़ने लगी। इसके बाद वह भी घबरा गईं। एक साथ इतने बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर उन्होंने आसपास के लोगों और वालिदैन को इत्तिला दी। कुछ ही देर में कई वालिदैन और आसपास के लोग स्कूल में आ गए। इसके बाद बच्चों को जल्दी-जल्दी अॉटो में लाद कर एमजीएम अस्पताल भेजवाया।

मिड डे मील में बच्चों को मंगल खिचड़ी परोसी गई। एक बच्चे की थाली में परोसी गई खिचड़ी में छिपकली मिलते ही माजरा समझ में आया। खाने में छिपकली की खबर जैसे ही आसपास के इलाके में फैली, तो वालिदैन डर गए। असातीजा भी हरकत में आईं। खिचड़ी नाली में बहा दी गई। जिसने खिचड़ी खा ली थी, उन्हें फौरन पानी पिलाया जाने लगा।

एमडीएम खाने से बीमार हुए बच्चों के मामले को जिला इंतेजामिया ने संजीदगी से लिया है। इसकी जांच के लिए डीसी डॉ. अमिताभ कौशल ने डीआरडीए की डायरेक्टर उमा महतो को जांच ओहदेदार टकर्रूर किया है।

इस्कॉन सेंट्रल किचन के चीफ समीर कुमार ने कहा कि जब भी स्कूल को एमडीएम की सप्लाय की जाती है, तो स्कूल मिड डे मिल की क़्वैलिटी की जांच करने के बाद ही रिपोर्ट पर साइन करता है। मंगल को भी 11.30 बजे एमडीएम स्कूल पहुंचा और उसकी जांच की गई। फिर डेली रिपोर्ट पर साइन करा कर खाना को स्कूल के बर्तन में दे दिया गया। इसके करीब 2 घंटे बाद 1.30 बजे बच्चों को खाना परोसा गया। अब इस दो घंटे में उस एमडीएम को कैसे रखा गया है, इसकी जिम्मेदारी स्कूल इंतेजामिया की है, हमारी नहीं।