वज़ीर-ए-आज़म मिदविदेफ़ ने कहा है कि वो 2008-12 -की रूसी सरबराही ममलकत की हैसियत से अपनी वाहिद मीआद के बाद क्रेमलिन को वापसी का इमकान मुस्तर्द नहीं कर रहे हैं लेकिन वो अपने गुरु विलादमीर पोतिन के तहत वज़ीर-ए-आज़म के तौर पर काम करते हुए बहरहाल ख़ुश हैं।
अगर में माक़ूल हद तक चाक़-ओ-चौबंद और सेहत मंद रहे , अगर हमारे अवाम मुझ पर मुस्तक़बिल में इस तरह के ओहदे के लिए भरोसा करें तो में बिलाशुबा इस तरह की तबदीली को ख़ारिज अज़ इमकान नहीं समझता हूँ।