मिन्हाज अंसारी की हिरासत में मौत पर गृह मंत्रालय ने दिए जांच के आदेश

रांची: केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले महीने राज्य के जामताड़ा जिले में कथित तौर पर अवैध रूप से हिरासत में रखने और फिर हिरासत में मुस्लिम युवक की मौत की जांच कराने के लिए झारखंड सरकार से कहा है।

एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ सिविल राइट्स (APCR) के झारखंड के संयोजक, ज़ियाउल्लाह की गृह मंत्रालय में दायर शिकायत याचिका पर कार्रवाई करते हुए  गृह मंतालय ने दिनांक 4 नवम्बर को, झारखंड सरकार के प्रमुख सचिव (गृह) को इस मामले की जांच करने के लिए आदेश दिया और और साथ ही इस सम्बन्ध में की जा रही कार्रवाई से शिकायतकर्ता और गृह मंत्रालय को अवगत कराते रहने के लिए भी कहा।

गृह मंत्रालय का झारखण्ड सरकार को पत्र
गृह मंत्रालय का झारखण्ड सरकार को पत्र

अपनी शिकायत में APCR के अधिकारी ने कहा था, ‘मिन्हाज अंसारी पुत्र उमर मियां, गांव डीघारी, पुलिस थाना नारायणपुर, जिला जामताड़ा निवासी, झारखंड को अवैध रूप से प्रभारी, नारायणपुर पुलिस स्टेशन द्वारा 3 अक्टूबर 2016 को कथित तौर पर व्हाट्सएप्प पर एक आपत्तिजनक पोस्ट साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। । अवैध हिरासत के दौरान मृतक को नारायणपुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी और पड़ोसी गांव पाब्या के एक निवासी ने संयुक्त रूप से पुलिस स्टेशन में बेरहमी से मारा था।”

“मृतक को बेहोश हो जाने तक पीटा गया और फिर इलाज के लिए स्थानीय सरकारी अस्पताल में ले जाया गया। गंभीर अंदरूनी चोट और फ्रैक्चर की वजह से, धनबाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, धनबाद में स्थानांतरित कर दिया गया था। 7 अक्टूबर 2016 को धनबाद मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए रिम्स, रांची भेज दिया। 9 अक्टूबर 2016 को रिम्स, रांची में उसे मृत घोषित किया गया था, “उन्होंने आगे शिकायत में कहा।

APCR का गृह मंत्रालय को शिकायत पत्र
APCR का गृह मंत्रालय को शिकायत पत्र

इस घटना कई दिनों बाद जनता के आक्रोश और मिन्हाज की माँ के ऍफ़आईआर कराने पर आरोपी पुलिस अधिकारी को निलंबित कर उसके ऊपर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। राज्य सरकार ने उसके परिवार के लिए दो लाख रुपये की मुआवजा राशि की घोषणा भी की है। अब मिन्हाज के परिवार में उसकी पत्नी, एक वर्षीय बेटी और माता-पिता ही रह गए है।