मिन्हाज अंसारी मामला : जामताड़ा जिला प्रशासन काफी गंभीर, न्यायिक जांच की उठी मांग

जामताड़ा : मिन्हाज को नारायणपुर थाना पुलिस ने व्हाट्सएप पर आपत्ति जनक संदेश जारी करने के आरोप में तीन अक्तूबर को गिरफ्तार किया था. पांच अक्तूबर तक उसे थाने मेंं ही रख कर पीटा गया, जिससे सात अक्तूबर को धनबाद अस्पताल में उसकी मौत हो गयी. पार्टी ने इस घटना के दोषी पुलिस कर्मियों पर हत्या का मुकदमा चलाने की मांग की है. मिनहाज की पुलिस अभिरक्षा में मौत के बाद उठे बवाल से जामताड़ा जिला प्रशासन काफी गंभीर है. डीसी ने जामताड़ा जिला जज को पत्र लिख कर इसकी न्यायिक जांच कराने की मांग की है. डीसी रमेश दुबे ने कहा है कि मामले की जांच पूरी निष्पक्षता से हो, इसके लिए न्यायालय को पत्र लिखा गया है. श्री दुबे ने कहा कि जिला प्रशासन ने किसी से किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया है. मामले में जो भी दोषी पाये जायेंगे उसपर कार्रवाई की जायेगी. बता दें कि एक दिन पहले गांव में डीसी, एसपी व अन्य पदाधिकारी ने ग्रामीणों के साथ बैठक की थी. जिसमें डीसी ने ग्रामीणों को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया था.

गुरुवार को डीसी ने ग्रामीणों से किये वादे की शुरुआत की. डीसी ने राज्य के मुख्य सचिव राजबाला बर्मा के आने की बात पर कहा कि अब तक प्रशासन के पास कोई सूचना नहीं है. बता दें कि दिघारी के मिनहाज ने सोशल मीडिया पर कुछ आपत्तिजनक तस्वीर पोस्ट किया था, जिस पर नारायणपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था. परिजनों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया था. मिनहाज की मौत रिम्स में इलाज के दौरान 09 अक्तूबर को हो गयी थी.भाकपा माले राज्य कमेटी ने नारायणपुर, जामताड़ा के युवक मिन्हाज अंसारी (22) की तथाकथित हत्या की निंदा की है. वहीं, सरकार से उसके अाश्रितों को 25 लाख रुपये मुआवजा तथा सरकारी नौकरी देने की मांग की है. कमेटी के कार्यालय सचिव सुखदेव प्रसाद ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा है कि मिन्हाज की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है. इससे पहले बुंडू में रूपेश स्वांसी की हत्या हुई थी. सरकार ने राज्य में पुलिस राज कायम कर दिया है.