यांगून, 14 जनवरी (राईटर) मियांमार ने क़ौमी मुफ़ाहमत के अमल में पेशरफ़्त करते हुए सैंकड़ों नुमायां सयासी क़ैदीयों को रिहा कर दिया है। इन क़ैदीयों की रिहाई मग़रिबी ममालिक की जानिब से मुल्क पर आइद पाबंदीयों में नरमी केलिए अहम शर्त है। सैंकड़ों सयासी क़ैदीयों और नसली अक़ल्लीयतों के रहनुमाओं की रिहाई की इन के रिश्तेदारों ने तसदीक़ की है
जिन केलिए सरकारी रेडीयो और टेलीविज़न पर 651 ज़ेर-ए-हिरासत क़ैदीयों की रिहाई केलिए आम सदारती माफ़ी का ऐलान किया गया था और सिविल हुकूमत ने मग़रिबी ममालिक की पाबंदीयों में नरमी केलिए अहम शराइत पर अमल दरआमद करते हुए जमहूरीयत नवाज़ लीडर आंग सान सूची से मुज़ाकरात का आग़ाज़ किया और नसली बाग़ीयों के साथ फ़ायर बंदी का ऐलान कर दिया है।
ताहम बक़ीया सयासी क़ैदीयों की रिहाई में मज़ीद चंद रोज़ लग सकते हैं।हालिया इस्लाहात में लेबर यूनीयन को क़ानूनी हैसियत देने के साथ साथ आज़ादी इज़हार में इज़ाफ़ा भी शामिल है।