मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक 16 वर्षीय छात्र, जो मिलाद-उन-नबी जुलूस को देखते वक्त गिर गया और फिर मंगलवार को हॉस्पिटल में उसकी मौत हो गयी, उसके माता पिता ने आरोप लगाया है कि उसकी मौत तेज़ और असहनीय आवाज़ वाले डीजे के कारण हुयी है।
“सोमवार को अंजुमन-ए-इस्लाम पीरबोय कॉलेज का छात्र अंसारी मुहम्मद उमेर सेंट्रल मुंबई में झूला मैदान के पास सड़क किनारे खड़ा जुलूस देख रहा था। अचानक उसे पसीने आने लगे और वह गिर गया”, उर्दू रोजनाम अखबार ने बुधवार को खबर दी।
“बेहोशी की हालत में उमेर को फ़ौरन पास के क्लिनिक ले जाया गया और उसके बाद मुंबई के जेजे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। डॉक्टर ने उसे बचाने की बेहद कोशिश की, लेकिन वह उसे बचा नहीं पाए और मंगलवार को उसकी मौत हो गयी”, मुहम्मद अमीन अंसारी ने अखबार को बताया।
“डॉक्टर और सीटी स्कैन की रिपोर्ट के मुताबिक उसकी मौत तेज़ और असहनीय आवाज़ वाले डीजे के कारण हुयी है”, अमीन अंसारी ने कहा।
“डीजे की तेज़ आवाज़ से उसके दिमाग की नस और दिल पर प्रभाव पड़ा,” उन्होंने बताया।
जेजे हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने मौत का कारण बताते हुए कहा,”उमेर की मौत दिमाग और दिल में गंभीर चोट के कारण हुयी है”।
इससे पहले जुलूस के आयोजकों ने शामिल होने वाले लोगों से डीजे न बजाने के लिए बैठकें और अपील की थी।
रज़ा अकादमी के प्रेसिडेंट सईद नूरी ने भी मिलाद-उन-नबी के जुलूस में डीजे बजाने की कड़ी निंदा की है।
विडंबना यह है कि पिछले साल शिव सेना का मुखपत्र सामना मिलाद-उन-नबी जुलूस में डीजे बजाने की आलोचना और निंदा में पूरे पेज का आर्टिकल छाप चुका है।