वजीरे आला हेमंत सोरेन ने कांग्रेस के वजीरों को दो टूक जवाब दिया है। ज़राये के मुताबिक, मंगल रात कांग्रेस के वजरा के साथ बैठक में उन्होंने कहा कि हुकूमत चलाना है, तो मिल कर चलायें, नहीं तो इंतिख़ाब में चलें। हुकूमत दबाव में नहीं चलायी जा सकती। बैठक में कांग्रेस के रियासती इंचार्ज प्रभारी बीके हरिप्रसाद भी मौजूद थे। सीएम ने कांग्रेस के वजरा से पूछा, बतायें कौन सा काम उनकी वजह से नहीं हो रहा है।
इस पर कांग्रेसी वजीरों ने चुप्पी साध ली। बैठक में वजीरे आला ने कहा कि बातें उन तक पहुंचने से पहले मीडिया में चली जाती हैं। अपने ही वजीरों की बात मीडिया के जरिये पता चलती है। अगर कोई भी बात हो, तो पहले वजीरे आला को बतानी चाहिए न कि मीडिया को। वज़ीर बयान दे रहे हैं और हुकूमत की शोबिया पर नेगेटिव असर पड़ रहा है। इंतिख़ाब में जाने के लिए हुकूमत की शोबिया नेगेटिव न बनायें। हुकूमत की शोबिया पोजेटिव होगी, तो दोनों पार्टियों को फाइदा होगा।
कुरसी की परवाह नहीं
ज़राये ने बताया कि वजीरे आला ने बैठक में साफ कह दिया है कि अगर कांग्रेस के वज़ीर हुकूमत नहीं चलाना चाहते हैं, तो साफ-साफ कहें। उन्होंने कुरसी की परवाह नहीं की है। हुकूमत चलानी है, तो मदद करें, तभी हुकूमत भी वज़ीरों को मदद करेगी।
कांग्रेस इंचार्ज ने संभाला वज़ीरों को दी हिदायत
जानकारी के मुताबिक, बात बढ़ता देख कांग्रेस रियासती इंचार्ज बीके हरिप्रसाद ने अपने वज़ीरों को मीडिया में बयानबाजी बंद करने की हिदायत दी। कहा कि जो भी एजेंडा है, वे वजीरे आला से कहें।