चंडीगढ़: पिछले वक़्त में देश में एक नयी पार्टी के रूप में लोगों के सामने आई आम आदमी पार्टी जहाँ देश की पुरानी और बड़ी पार्टियों की आँखों में खटक रही है वहीं दिल्ली का किला फ़तेह करने के बाद पार्टी की कोशिश अब दिल्ली के साथ जुड़ते इलाकों में अपनी जड़ें पसारने की है।
इसी कोशिश के चलते पार्टी पंजाब में अपनी पकड़ को मजबूत बनाने की पूरी ताकत लगा रही है और काफी हद्द तक अपनी पैठ बनाने में कामयाब भी हुई है। पंजाब की मौजूदा अकाली सरकार की कारुजगारी के चलते इलाके का हर आम आदमी 2017 में होने वाले एलेक्शनों में किसी और पार्टी के नुमाइंदे को कुर्सी देने के हक़ में है ऐसे में हर पार्टी की नज़र 2017 के एलेक्शनों पर है जिसको लेकर सभी पार्टियों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है।
बाकी पार्टियों के साथ कदम मिलाते हुए आम आदमी पार्टी ने भी अपनी गतिविधियाँ तेज़ कर दी हैं जिसकी उदारण मिलती है पंजाब में पार्टी के नेता और फाउंडर अरविन्द केजरीवाल के बढ़ रहे पंजाब के दौरे।
अभी पिछले महीने 14 तारीख को पंजाब के मुक्तसर में भारी रैली को सम्बोधित करने के बाद केजरीवाल एक बार फिर पंजाब में दौरे पर आने वाले हैं; पार्टी सूत्रों की मानें तो केजरीवाल 20 फ़रवरी को पंजाब के दौरे पर आएंगे और करीबन पांच दिन पंजाब में रहकर यहां के किसानों का हाल जानेंगे। अगर सीधे शब्दों में कहा जाये तो यह कहना कतई भी गलत नहीं होगा कि पंजाब के किसानों से हमदर्दी जता कर केजरीवाल अपने पंजाब इलाके के वोटबैंक को मजबूत बनाने की कोशिश में हैं। और जहाँ तक किसानों की ज़िन्दगियों का सवाल है दिल्ली में आम आदमी पार्टी की रैली के दौरान एक किसान गजेंद्र सिंह की ख़ुदकुशी का किस्सा तो आप सबको याद होगा ही।