कराची, ०१ जनवरी: ( पी टी आई ) पाकिस्तानी कप्तान मिसबाह-उल-हक़ ने हालाँकि बैन-उल-अक़वामी क्रिकेट के तीनों ही ज़मरों में शानदार कामयाबी हासिल की हो लेकिन वो हनूज़ इन अंदेशों का शिकार हैं कि अगर वो एक या दो मैच्स में नाकाम होजाएं तो ना सिर्फ उन की क़ियादत ख़तरा में पड़ जाएगी बल्कि वो क़ौमी टीम में अपनी जगह से भी महरूम हो जाएंगे ।
पाकिस्तान के हैड कूच मुहसिन ख़ान ने एक इंटरव्यू में ये बात कही । मुहसिन ख़ान ने मिसबाह पर दिफ़ाई रवैय्या इख़तियार करने के इल्ज़ामात के ताल्लुक़ से कहा कि ये समझने की ज़रूरत है कि इस उम्र में उन्हें इस हक़ीक़त से हनूज़ तशवीश रहती है कि अगर वो एक या दो मीचस में नाकाम होजाएं तो फिर नाक़िदीन उन के पीछे पड़ जाऐंगे और उन्हें टीम से ही ड्राप भी किया जा सकता है ।
शायद यही वजह है कि वो बाअज़ मौक़ों पर दिफ़ाई मौक़िफ़ इख़तियार करते हैं लेकिन बहैसीयत कप्तान एन मेंअ एतिमाद पैदा हुआ है और मिसबाह को ये समझाने की कोशिश की जा रही है वो इन चीज़ों के ताल्लुक़ से ना सोचें और सिर्फ अच्छी से अच्छी कारकर्दगी पर तवज्जा करें।
37 साला मिसबाह को जारीया साल टेस्ट वनडे और टवन्टी 20 के लिए कप्तान बनाया गया था और उन्हों ने ज़िमबावे श्रीलंका और बंगला देश के ख़िलाफ़ सीरीज़ों में टीम को कामयाबी दिलाई है । मुहसिन ख़ान ने कहा कि इन के ख़्याल में मिसबाह एक अच्छा खिलाड़ी है और वो पुरसुकून कप्तान भी है । वो अपने खिलाड़ियों से राबिता में रहते हैं। उन्हों ने बहैसीयत कप्तान एतिमाद पैदा कर लिया है और वो कामयाबीयों की कोशिश करते हैं।
इस के इलावा वो बैटिंग भी बहुत अच्छी कर रहे हैं। इन से कहा जा रहा है कि वो ज़्यादा से ज़्यादा रन बनाए और कोई इनिंग ज़ाए ना करें। उन्हों ने पाकिस्तानी क्रिकेट की अच्छी ख़िदमत की है । उन्हों ने मिसबाह के साथ अपने ताल्लुक़ात को मिसाली क़रार दिया और वाज़िह किया कि मिसबाह अपने खिलाड़ियों और मैनिजमंट से मश्वरा करने का फ़न जानते हींओर अहम फ़ैसलों में सब को साथ रखते हैं।
मुहसिन ख़ान ने उन पर आरामपसंद कोच होने और मशक़्क़त से बचने का इल्ज़ाम करने वालों पर तनीक़द की और कहा कि खिलाड़ियों के साथ उन के राबते अच्छे हैं। आज के दौर कोच की ज़िम्मेदारी यही है कि वो खिलाड़ियों को ज़हनी तौर पर मुस्तहकम बनाईं उन्हें हिक्मत अमली बनाने में मदद करें। एक कोच मंसूबा साज़ होता है । वो नहीं समझते कि मिसबाह और यूनुस ख़ान को इस उम्र में बैटिंग के ताल्लुक़ से कुछ सिखाने की ज़रूरत होती है ।
मुहसिन ख़ान ने एतराफ़ किया कि खिलाड़ी चाहे सीनीयर हूँ या जोनईर अगर वो अपने मंसूबों पर अमल करने में नाकाम होजाते हैं तो वो उन से बात करना भी पसंद नहीं करते । उन की कोशिश यही होती है कि मैदान पर खिलाड़ी सद फ़ीसद सलाहीयतों का मुज़ाहरा करें क्योंकि लाखों अफ़राद टीम की कामयाबी के लिए दुआ करते हैं और हमें ये एहसास होना चाहीए कि हम उन्हें मायूस न करें।