मिस्री फ़ौजी कौंसल के इक़दामात (उपाय) बाइस तशवीश : अमरीका

अमरीकी वज़ारत-ए-दिफ़ा(रक्षा मंत्रालय ) ने मिस्र में फ़ौज की सुप्रीम कौंसल के हालिया फ़रमान पर गहिरी तशवीशका इज़हार किया है कि जिस में बज़ाहिर कौंसल को मुलक में क़ानूनसाज़ी और इस के बजट के हवाले से तमाम इख़्तयारात हासिल हो गए हैं।

पेनटगान के तर्जुमान जॉर्ज लिटिल ने अख़बार नवीसों से बात करते हुए कहा कि अमरीका फ़ौजी कौंसल की जानिब से दस्तूर में तरमीम से मुताल्लिक़ ऐलान और बिलख़सूस जिस वक़्त ये ऐलान सामने आया है, इस हवाले से बहुत ज़्यादा मुतफ़क्किर है क्योंकि सदारती (राष्ट्रपती) इंतिख़ाब की वोटिंग खत्म हो चुकी है

और ऐसे में नए सदर (राष्ट्रपती) के ऐलान से पहले ऐसी अहम पेशरफ़्त अपनी जगह अहम है।दस्तूरी फ़रमान के मुताबिक़ हुकमरान फ़ौजी कौंसल नई पार्लीमान के इंतिख़ाब तक क़ानूनसाज़ी का इख़तियार अपने पास रखेगी। इसी तरह यही कौंसल नए सदर (राष्ट्रपती) की जगह फ़ौज से मुताल्लिक़ तमाम फ़ैसले करने की मुख़तार होगी। नए दस्तूर की तकमील तक कौंसल के सरबराह ही फ़ौज के सरबराह रहेंगे ।

सदर (राष्ट्रपती), ऐलान जंग भी सुप्रीम कौंसल की मंज़ूरी के बगै़र नहीं कर सकेंगे।अगर दस्तूर साज़ी पर मामूर असेंबली अपना काम मुकम्मल करने में मुश्किलात महसूस करती है तो सुप्रीम आर्म्ड फ़ोरससज़ कौंसल एक हफ़्ते के अंदर अंदर मुआशरे के तमाम हलक़ों की नुमाइंदा असेंबली तशकील देने का इख़तियार रखती है।