क़ाहिरा, 05 मार्च: ( पी टी आई ) मिस्री सदर मुहम्मद मोर्सी के अव्वलीन दौरा-ए-हिंदूस्तान से क़ब्ल एक सीनियर वज़ीर ने बाहमी मआशी , तिजारती और सरमायाकारी से मुताल्लिक़ रवाबित को आगे बढ़ाने और तिजारती तबादलों के नए मवाके खोलने के तरीकों पर तबादला-ए-ख़्याल किया।
मिस्री वज़ीर सनअत और बैरूनी तिजारत हातिम सालिह ने कल हिंदूस्तानी सफ़ीर बराए मिस्र नवदीप सूरी से मुलाक़ात की और उन शोबों पर तबादला-ए-ख़्याल किया जिनका अहाता किया जाना है और मोर्सी की जानिब से आला सतह के तिजारती वफ़द के साथ वस्त मार्च में हिंदूस्तान के तए शूदा दौरा के लिए इंतेज़ामात पर बात चीत की ।
सालिह ने कहा कि उनकी मीटिंग में इस बात पर ग़ौर हुआ कि इस दौरा को दोनों मुल्कों के ताजरीन के दरमियान कामयाब शराकतदारी के लिए बड़ा मौक़ा बनाने के लिए किस तरह इस्तेमाल किया जा सकता है और मिस्री मार्किट में बिलख़सूस कैमीकलस , ऑटो इंडस्ट्रीज़ , इन्फॉर्मेशन एंड कमेवनकेशन टैक्नालोजी , इंजीनिरिंग प्रोजेक्ट्स और बुनकरों के शोबा में हिंदूस्तान से ज़्यादा से ज़्यादा सरमायाकारी को कैसे राग़िब किया जा सकता है ।
उन्होंने कहा कि जवाइंट बिज़नस कौंसल के रोल को नई जला बख्श ने की अहमियत पर भी बात की गई । दोनों मुल्कों के दरमियान तिजारती तबादला ग़ैर रस्मी आदाद-ओ-शुमार के मुताबिक़ साल 2012 के इब्तिदाई 9 माह में 3.2 बिलियन अमेरीकी डॉलर्स तक पहूँचा ।
मिस्री मंडी में 320 हिंदूस्तानी कंपनियां लगभग 500 मिलियन डालर मालियत की सरमायाकारो के साथ सरगर्म हैं।