मिस्र के उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मुस्लिम ब्रदरहुड के सर्वोच्च मार्गदर्शक मोहम्मद बदी को दी गई आजीवन कारावास की सजा को रद कर दिया है| मोहम्मद बदी को एक दिन पहले सोमवार को ही “हिंसक हमलों की योजना बनाने ” के आरोप में 25 साल कैद की सज़ा सुनाई गई थी|
बदी उन 37 लोगो की गुट का हिस्सा थे, जिस पर जुलाई 2013 में सेना के द्वारा मुस्लिम ब्रदरहु से रिश्ता रखने वाले मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहमद मोर्सी के तख्ता पलट के बाद हुए आंदोलनो के दौरान दंगो की साज़िश का आरोप था|
इससे पहले न्यायालय ने मोहम्मद बदी समेत मुस्लिम ब्रोथेरहुड के प्रवक्ता महमूद गोज़लन और बद्दी मार्गदर्शन ब्यूरो के एक सदस्य हॉसम अबूबकर को उम्र कैद की सज़ा सुनाई थी, जबकि 13 आरोपियों को पांच साल की सज़ा सुनाई गई|
न्यायालय ने अन्य 21 आरोपियों को सोमवार को मुक़दमें से बरी कर दिया, जिनमें मुस्लिम ब्रोथेरहुड के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता जेहाद हद्दाद प्रमुख है|
बदी के वकील ने मुताबिक उनपर 35 से अधिक मामलो में मुक़दमें चलाए गए थे| इनमें से तीन में उन्हें मौत की सज़ा सुनाई गई, जिन्हे अब बर्खास्त कर दिया गया है|