क़ाहिरा / मिस्र के राष्ट्रपती चुनाव में इख़वान उलमुस्लिमीन के डिमी उम्मीदवार मुहम्मद मर्सी को सख़्त मुक़ाबला है । अगरचे के उन्हों ने कम से कम वोट हासिल किए हैं । ये चुनाव सख़्त मुक़ाबले में बदल चुके हैं । हसनी मुबारक के आख़िरी प्रधानमंत्री और बाएं बाज़ू पार्टियों के दरमियान दूसरे मरहले में भी कांटे का मुक़ाबला है ।
अगरचे कि इख़वान उलमुस्लिमीन ने पार्लीमेंट्री चुनाव में अपनी चुनावी मक़बूलियत को हासिल कर लिया है लेकिन मशरिक़ी एशियाई मुल्क के पहले आज़ादाना राष्ट्रपती चुनाव सख़्त मुक़ाबला साबित हो रहे हैं ।
चंद प्वाईंट के ज़रीये उम्मीदवारों का वोट फीसद अलग हो रहा है । मिस्र की सब से बड़ी पार्टी के डिमी उम्मीदवार के ताल्लुक़ से शुरू में ये कहा जा रहा है कि वही लोगों कि पहली पसंद होंगे लेकिन पिछ्ले माह ख़ैरात अलशतर को नाअहल क़रार दिया गया था । इस के बाद ही मुहम्मद मर्सी इख़वान उलमुस्लिमीन के डिमी उम्मीदवार की हैसियत से उभरे इख़वान उलमुस्लिमीन का दावे है कि मर्सी को 30 फीसद वोट मिले हैं । जबकि पुर्व प्रधानमंत्री अहमद शफीक और बाएं बाज़ू पार्टी के उम्मीदवार हमदेन सुबहि को दूसरी मरहले के लिए सख़्त कांटे का मुक़ाबला है ।